अपनी पर आया भारत तो बांग्लादेश में कायम होगा अंधेरा, दो मिनट में निकल जाएगी पूरी अकड़
बिजली आपूर्ति के मामले में बांग्लादेश काफी हद तक भारत पर निर्भर है. बकाया नहीं चुकाने की वजह से झारखंड स्थित अदाणी बिजली उत्पादन केंद्र ने बांग्लादेश की बिजली सप्लाई में कटौती कर दी है.
अगर कोई जरा-भी अकड़ दिखाए तो सामने वाला अपना दमखम दिखाने से कतई नहीं चूकता. कुछ ऐसा ही मामला बांग्लादेश का है, जो अपने यहां शेख हसीना के तख्तापलट के बाद लगातार भारत पर निशाना साध रहा है. इस मामले में भारत ने अब तक बांग्लादेश पर जरा-सी भी सख्ती नहीं की है, लेकिन हिंदुस्तान अपनी पर आ गया तो हमारा यह पड़ोसी मुल्क अंधेरे में डूब जाएगा. उसकी पूरी अकड़ चंद पलों में ही निकल जाएगी. आइए जानते हैं कि पूरा मामला क्या है?
बिजली संकट से जूझ रहा है बांग्लादेश
अहम बात यह है कि बांग्लादेश इस वक्त बिजली संकट से जूझ रहा है. दरअसल, शेख हसीना सरकार के कार्यकाल के दौरान बांग्लादेश में कई बिजली संयंत्रों का निर्माण किया गया. इसकी वजह से बांग्लादेश की बिजली उत्पादन क्षमता 27 हजार मेगावॉट से भी ज्यादा पहुंच गई. हालांकि, इन पावर प्लांट्स को चलाने के लिए रोजाना 120 से 130 करोड़ क्यूबिक फीट गैस की सप्लाई की जाती थी, जो अब 80 करोड़ क्यूबिक फीट ही रह गई है. इसके चलते बांग्लादेश के कई पावर प्लांट से बिजली की सप्लाई बंद हो चुकी है.
बिजली के लिए भारत पर निर्भर है बांग्लादेश
गौर करने वाली बात यह है कि बांग्लादेश बिजली आपूर्ति के मामले में काफी हद तक भारत पर निर्भर है. भारत के झारखंड में स्थित अदाणी बिजली उत्पादन केंद्र से ही बांग्लादेश को रोजाना डेढ़ हजार मेगावॉट बिजली सप्लाई होती थी, लेकिन बकाया भुगतान नहीं होने की वजह से कंपनी ने सप्लाई में कटौती कर दी है. जानकारी के मुताबिक, गैस बिल, सरकारी-गैर सरकारी बिजली उत्पादन केंद्रों और भारतीय बिजली उत्पादन केंद्रों का कुल बकाया देखा जाए तो बांग्लादेश पर करीब 33 हजार करोड़ रुपये का कर्ज है.
बिजली कटौती से क्यों जूझ रहा है बांग्लादेश?
बांग्लादेश के नेताओं का आरोप है कि शेख हसीना ने देश के पावर सेक्टर को पूरी तरह तहस-नहस कर दिया. दरअसल, शेख हसीना की पार्टी जब सत्ता में आई तो नए बिजली केंद्र बनाने पर काफी जोर दिया गया. बिजली और ईंधन की आपूर्ति के लिए तीव्र वृद्धि अधिनियम पारित किया गया. वहीं, बिना टेंडर जारी किए कई बिजली उत्पादन केंद्र बनाए गए और इनका मालिकाना हक भी पार्टी के ही कई नेताओं को दे दिया गया. हालांकि, पैसों की कमी के कारण तेल और गैस खरीदने मे दिक्कत हुई तो ये पावर प्लांट किसी काम नहीं आए. एक्सपर्ट्स की मानें तो बांग्लादेश में बिजली उत्पादन की दिक्कत नहीं है, लेकिन सप्लाई लाइन नहीं होने की वजह से देश बिजली संकट से जूझ रहा है. गौर करने वाली बात यह है कि बांग्लादेश के चारों बड़े पावर प्लांट पायरा, रामपाल, एस. आलम और मातारबाड़ी की क्षमता पांच हजार मेगावॉट से ज्यादा है, लेकिन सप्लाई लाइन की दिक्कत ने हालात बेहद खराब कर रखे हैं.
भारत अपनी पर आया तो क्या होगा?
बांग्लादेश में हुई राजनीतिक उथलपुथल के बाद भारत ने शेख हसीना को शरण क्या दी कि बांग्लादेश के कट्टरपंथी नेता भड़क उठे. उन्होंने न सिर्फ बांग्लादेश में रहने वाले हिंदुओं के खिलाफ मोर्चा खोला, बल्कि भारत के खिलाफ भी उनकी बयानबाजी लगातार जारी है. ऐसे में अगर भारत ने पलटवार किया तो बांग्लादेश को भारी नुकसान हो सकता है. अगर भारतीय कंपनियां अपने बकाए रुपये का हवाला देते ए बिजली कटौती कर देती हैं तो बांग्लादेश अंधेरे में डूब सकता है. उसकी सारी अकड़ दो मिनट में ही निकल जाएगी.
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