देश में लोकसभा चुनावों का बिगुल फूंक दिया गया है. 543 लोकसभा सीटों के लिए 19 अप्रैल से 1 जून तक मतदान होगा. लेकिन क्या आप जानते हैं कि देश में सबसे पहले नकली मतदान हुआ था, इसके बाद चुनावों की प्रक्रिया शुरू की गई. चलिए आज इस आर्टिकल में आपको देश के पहले नकली मतदान की कहानी बताते हैं.
कब हुआ था नकली मतदान
दरअसल, देश में पहला आम चुनाव 25 अक्टूबर 1951 से 21 फरवरी 1952 तक आयोजित किया गया था. हालांकि, इससे पहले देश के लोगों को चुनाव की प्रक्रिया से परिचित कराने के लिए देश में नकली चुनाव कराए गए थे. ये नकली चुनाव 1951 में हुआ था. इसी चुनाव की बदौलत देश के लोगों को पता चला कि उन्हें वोट कैसे डालना है. इसके अलावा इस नकली चुनाव में अधिकारियों की भी ट्रेनिंग अच्छे से हो गई थी, ताकि वो असली चुनाव सही तरीके से करा सकें.
कहां पड़ा था पहला वोट
भारत में पहला आम चुनाव साल 1952 में पूरा हुआ. हालांकि, इस चुनाव के लिए देश का पहला वोट 25 अक्टूबर 1951 को हिमाचल प्रदेश के चीनी तहसील में डाला गया था. हालांकि, यहां के मतदाताओं को अपने वोट का परिणाम जानने के लिए महीनों का इंतजार करना पड़ा था. वहीं देश के सबसे पहले आम चुनाव में सबसे ज्यादा मतदान केरल के कोट्टायम चुनाव क्षेत्र में हुआ था. यहां 80 फीसदी मतदान हुआ था. जबकि, सबसे कम मतदान मध्य प्रदेश के शहडोल में हुआ था. यहां मात्र 20 फीसदी मतदान हुआ था.
पार्टियों ने ऐसे किया था प्रचार
देश में जब पहला आम चुनाव हुआ था, तब प्रचार के लिए पार्टियों के पास बहुत सीमित संसाधन थे. इसके बावजूद भी पार्टियों ने जी जान लगाकर अपना चुनाव प्रचार किया था. कहा जाता है कि उस समय कई पार्टियों ने जानवरों की पीठ पर वादे लिख कर अपना चुनाव प्रचार किया था और अपने लिए वोट मांगे थे. खासतौर से ये तरीका पश्चिम बंगाल में खूब अपनाया गया था. वहीं दूसरी ओर कम्युनिस्ट पार्टी अकेली ऐसी पार्टी थी जिसने देश के पहले आम चुनाव में रेडियो से अपना प्रचार किया था. हालांकि, ये प्रचार आकाशवाणी पर नहीं, बल्कि रेडियो मॉस्को पर हुआ था.
ये भी पढ़ें: अगर जंगल में शराब पार्टी करते शेर, जिराफ, चीता तो कैसा रहता माहौल... AI ने तस्वीरों से दिखाया सीन