भारतीय रेलवे अब किसी पहचान का मोहताज नहीं है. यह दुनिया का चौथा और एशिया का दूसरा सबसे बड़ा रेलवे नेटवर्क है. भारतीय रेलवे अपने नेटवर्क को इतना आधुनिक बना रहा है कि आने वाले समय में यहां बुलेट ट्रेन भी चलती नजर आएगी. भारत की अर्थव्यवस्था का भी एक बड़ा हिस्सा रेलवे पर ही निर्भर करता है. रेलवे न केवल पूरे देश को एक साथ जोड़ता है, बल्कि ट्रांसपोर्टेशन में भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है.
आपने देश में पहली रेल चलने की कहानी तो कई बार पढ़ी होगी, लेकिन क्या आप जानते हैं कि देश में पहली मालगाड़ी कब चली थी? जवाब है 22 दिसंबर. जी हां, देश में पहली मालगाड़ी आज के ही दिन 1851 को चलाई गई थी. यह मालगाड़ी रुड़क से पिरान कलियर के बीच चली थी. यह क्षेत्र फिलहाल उत्तराखंड राज्य में है.
कहां से आया था इंजन?
भारत की पहली मालगाड़ी के लिए इंजन इंग्लैंड से मंगवाया गया था. यह भाप से चलने वाला इंजन था. उस समय इस महत्वपूर्ण योजना के मुख्य इंजीनियर थॉम्सन ने इस इंजन के साथ 180 से 200 अन वजन ले जाने में सक्षम बोगियां बनवाई थीं. यानी इस ट्रेन में केवल दो बोगियां ही थीं. इस ट्रेन को रुड़की से करीब 10 किलोमीटर दूर पिरान कलियर तक भेजा गया था. इस 10 किलोमीटर की दूरी तय करने में इस मालगाड़ी को 38 मिनट लग गए थे, यानी यह मालगाड़ी 6.44 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चली थी.
पहली मालगाड़ी में क्या लदा था?
देश की पहली मालगाड़ी का प्रयोग गंगा नहर निर्माण परियोजना के लिए किया गया था. उस समय इस परियोजना के दौरान मिट्टी और निर्माण सामग्री की ढुलाई का काम होना था, जिसके लिए इस मालगाड़ी की व्यवस्था की गई थी. इस ट्रेन में मिट्टी और कंस्ट्रक्शन का सामान लादकर रुड़की से पिरान कलियर तक भेजा गया था. हालांकि, यह मालगाड़ी सिर्फ 9 महीने ही चल पाई थी. हालांकि, हम वर्तमान समय की बात करें तो भारत में हो रहे ट्रांसपोर्टेशन का एक बड़ा हिस्सा मालगाड़ियों पर ही निर्भर करता है. इसको इस बात से समझा जा सकता है कि भारतीय रेलवे हर साल करीब 10 करोड़ टन से ज्यादा माल का ट्रांसपोर्टशेन करती है. रेलवे की 70 फीसदी कमाई का जरिया मालगाड़ियां ही हैं.
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