भारत के पास है दुनिया की पहली हॉस्पिटल ट्रेन, जानिए रेलवे इसका इस्तेमाल कैसे करती है?
भारतीय रेलवे की इस स्पेशल ट्रेन का नाम है लाइफलाइन एक्सप्रेस. इस ट्रेन के जरिए भारतीय रेलवे देश के उन दूर दराज इलाकों में स्वास्थ्य संबंधी मदद पहुंचाती है जहां हॉस्पिटल नहीं हैं.
हाल ही में बालासोर में जिस तरह से रेलवे दुर्घटना हुई उसने सभी का दिल दहला दिया. इस घटना के बाद सवाल उठने लगा कि क्या रेलवे के पास ऐसी कोई सुविधा नहीं है, जिसकी मदद से घायलों तक मदद तुरंत पहुंचाई जा सके. आपको बता दें, हमने इन सवालों के जवाब ढूंढ निकाले हैं. दरअसल, भारत के पास दुनिया की सबसे पहली हॉस्पिटल ट्रेन है. ये एक तरह की स्पेशल ट्रेन है जिसका इस्तेमाल भारतीय रेलवे कुछ खास औवसरों पर ही करती है. चलिए आपको बताते हैं कि इस ट्रेन की खासियत क्या है और इसका इस्तेमाल कब किया जाता है.
कौन सी है ये ट्रेन?
भारतीय रेलवे की इस स्पेशल ट्रेन का नाम है लाइफलाइन एक्सप्रेस. इस ट्रेन के जरिए भारतीय रेलवे देश के उन दूर दराज इलाकों में स्वास्थ्य संबंधी मदद पहुंचाती है जहां हॉस्पिटल नहीं हैं या फिर जहां आसानी से दवाईयां या फिर डॉक्टर नहीं पहुंच सकते. ये एक पूरी ट्रेन हॉस्पिटल की तरह डिजाइन की गई है. इसमें पेशेंट के लिए बेड हैं. आधुनिक मशीने हैं, ऑपरेशन थियेटर है और ढेर सारे मेडिकल स्टाफ हैं. इस जीवन रेखा ट्रेन के हर कोच में आपको पॉवर जेनरेटर, मेडिकल वार्ड, पैंट्री कार और मेडिकल सुविधाएं मिल जाएंगी.
इसे कब और क्यों चलाया गया था
इस ट्रेन को भारतीय रेलवे ने साल 1991 में चलाई गई थी. आपको बता दें शुरुआत के दिनों से ही इस ट्रेन के सभी डिब्बे एसी वाले थे. इसे चलाने का मकसद उन लोगों को ध्यान में रख कर किया गया था, जो लोग आसानी अस्पताल नहीं पहुंच सकते. दरअसल, जो लोग देश के दूर दराज के इलाकों में रहते हैं, गरीब हैं वो अपना इलाज कराने दिल्ली और मुंबई नहीं आ सकते. खासतौर से दिव्यांग लोगों के लिए ये एक बड़ी समस्या थी. भारत सरकार ने इन्हीं समस्याओं को देखते हुए एक ऐसी ट्रेन तैयार की जो मरीजों तक खुद पहुंचे और उन्हें उच्च क्वालिटी का इलाज दे सके. भारतीय रेलवे बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार, अब तक इस हॉस्पिटल ट्रेन की मदद से लगभग 12 लाख लोगों का इलाज किया जा चुका है.
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