चांद पर बिना स्पेस सूट के कितनी देर जिंदा रह सकता है इंसान? जानलेवा साबित होगी ये 'मूनवॉक'
Walk On Moon: भारत अपने मिशन मून के जरिए इतिहास रचने के करीब है, चंद्रयान-3 के चांद पर लैंड होने से पहले लोगों के मन में उपग्रह को लेकर कई तरह के सवाल हैं.
India Mission Moon: धरती के एकमात्र उपग्रह चांद पर पहुंचने की कई बार कोशिश हुई है और वो लगातार जारी है. भारत का चंद्रयान-3 भी चांद पर लैंड करने जा रहा है, अगर वाकई ऐसा हुआ तो भारत मिशन मून में इतिहास रच देगा. साथ ही चांद को लेकर कई अनसुलझे राज भी सामने आ सकते हैं. इस मिशन के बीच लोगों के मन में तमाम सवाल तैर रहे हैं, जिनमें एक सवाल ये भी है कि बिना किसी स्पेस सूट के इंसान चांद पर कितनी देर तक जिंदा रह सकता है? आइए जानते हैं...
चांद की सतह पर पहली बार कदम
पिछले कई दशकों से चांद समेत अंतरिक्ष में मौजूद दूसरे ग्रहों पर जाने की कोशिश होती रही है. दूसरे ग्रहों पर जीवन और उनके राज जानने की कोशिश में तमाम स्पेस मिशन चलाए जाते हैं. अमेरिका ने सबसे पहले चांद पर अपना अपोलो मिशन सफलतापूर्व उतारा था, जिसमें नील आर्मस्ट्रॉन्ग ने पहली बार चांद की सतह पर कदम रखा था. इस दौरान उन्होंने खास तरह का स्पेस सूट पहना हुआ था.
चांद या अंतरिक्ष में जाने वाले एस्ट्रोनॉट्स इसी तरह का स्पेस सूट पहनते हैं, जिसे इस तरह से डिजाइन किया जाता है कि वो धरती से हजारों किमी दूर भी अंतरिक्ष यात्री को सुरक्षित रखे. इससे एस्ट्रोनॉट को ज्यादा परेशानी नहीं होती है.
बिना स्पेस सूट कितनी देर जिंदा रहेगा इंसान
अब उस सवाल पर आते हैं कि अगर कोई चांद पर बिना स्पेस सूट या उपकरणों के उतरता है तो वो कितनी देर तक जिंदा रहेगा. साइंटिस्ट्स और तमाम रिसर्च बताती हैं कि इंसान की चांद पर बिना स्पेस सूट के जिंदा रहने के काफी कम संभावना है. ज्यादा से ज्यादा इंसान चांद की सतह पर 30 सेकेंड तक जिंदा रह सकता है. इस बीच भी उसे कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ा सकता है.
- चांद के पास अपना कोई वातावरण नहीं है, जिसकी वजह से वहां सांस लेने के लिए ऑक्सीजन नहीं है. हालांकि चांद का घनत्व काफी कम है, इसलिए बिना स्पेस सूट के जाने पर इंसान की मौत तुरंत नहीं होगी.
- चांद पर पूरा एक दिन धरती के 29 दिन के बराबर होता है, जिसमें 14.5 दिन रात और 14.5 दिन रोशनी होती है.
- चांद पर दिन के समय का तापमान कोई भी इंसानी शरीर नहीं झेल सकता है, क्योंकि ये 100 डिग्री सेल्सियस से लेकर 127 डिग्री सेल्सियस तक रहता है. यानी इंसान तुरंत जलने लगेगा.
- चांद पर रात का वक्त काफी ठंडा हो जाता है. ये तापमान माइनस 175 डिग्री तक गिर जाता है. इसीलिए अगर आप रात के वक्त चांद पर जाते हैं तो तुरंत आपकी मौत नहीं होगी. आप इस ठंड को करीब 20 से 30 सेकेंड तक झेल सकते हैं.
- चांद पर बिना स्पेस सूट के जाने पर उल्कापिंडों से भी आपकी तुरंत मौत हो सकती है. क्योंकि यहां पर लगातार कई उल्कापिंड गिरते हैं. जिसके चलते चांद की सतह पर गड्ढे भी नजर आते हैं.
यानी कुल मिलाकर बिना स्पेस सूट के अगर आप चांद पर जाते हैं तो आपकी अगले कुछ ही सेकेंड में मौत हो जाएगी, यही वजह है कि करोड़ों रुपये खर्च कर ऐसे स्पेस सूट तैयार किए जाते हैं, जो इंसान को चांद की सतह पर जिंदा रखने का काम करते हैं.