भारत में कई ऐसे स्कूल मौजूद हैं जिनकी फीस इतनी ज्यादा है कि आप सोच भी नहीं सकते. लेकिन इन स्कूलों के बीच एक स्कूल ऐसा भी है जो अपने छात्रों से फीस नहीं बल्कि एक ऐसी चीज लेता है, जिससे उनके ऊपर आर्थिक बोझ भी नहीं बढ़ता है और पर्यावरण भी सुरक्षित रहता है. चलिए जानते हैं इस खास स्कूल के बारे में.
फीस में पैसे नहीं तो क्या लेता है स्कूल?
हम जिस स्कूल की बात कर रहे हैं वो बच्चों की पढ़ाई के साथ-साथ पर्यावरण का भी ख्याल रखता है. यही वजह है कि वो बच्चों से फीस की जगह कचरे में फेंके गए प्लास्टिक की बोतल लेता है. यानी अगर आपको इस स्कूल में पढ़ना है तो फीस देने की जरूरत नहीं है, बस स्कूल आते समय रास्ते में दिख रहे प्लास्टिक की बोतलों को इकट्ठा कर के ले आना है.
कहां है ये स्कूल
ये खास स्कूल दिल्ली या मुंबई में नहीं, बल्कि नागालैंड में है. इस स्कूल का वीडियो शेयर करते हुए नागालैंड के शिक्षा और पर्यटन मंत्री तेमजेन इमना अलॉन्ग कहते हैं कि अगर ये आपको सरप्राइज नहीं करता तो फिर क्या करता? दरअसल, ये स्कूल अपने बच्चों से फीस की जगह हर हफ्ते 25 प्लास्टिक की बोतलें लेता है. ये प्लास्टिक की बोतलें वही होती हैं जो इस क्षेत्र में आए टूरिस्ट या फिर वहां के लोकल लोग ऐसे ही कहीं भी फेंक देते हैं.
इस स्कूल का नाम क्या है
इस स्कूल की स्थापना परमिता शर्मा और माजिन मुख्तार ने 2016 में की थी. दोनों लोगों को पता था कि भारत के इस क्षेत्र में शिक्षा और कचरा दोनों बड़ी चुनौती हैं. इसलिए इन दोनों समस्याओं का हल इन लोगों ने एक साथ निकालने का फैसला किया. सबसे बड़ी बात कि इन खराब बोतलों की मदद से इन लोगों ने ना सिर्फ छात्रों को मुफ्त शिक्षा दी बल्कि इसे रीसाइकिल करके इससे रोड, ईटें और स्कूल के लिए शौचालय तक बना दिया.
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