क्रिकेट मैच में दर्शक को बॉल से चोट लगने पर कौन कराता है इलाज, क्या है इसका प्रोसेस?
क्रिकेट मैच के दौरान जो चिकित्सा टीम हमेशा मौजूद रहती है, उस टीम में आमतौर पर प्राथमिक चिकित्सा, एम्बुलेंस सेवा और अन्य डॉक्टर्स होते हैं. इस टीम का काम होता है तुरंत सहायता प्रदान करना.
भारत और न्यूजीलैंड के बीच चल रहे टेस्ट मैच का नतीजा आज मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में मैच के तीसरे दिन के दूसरे सेशन में निकल आया. भारत को इस मैच में भी हार का सामना करना पड़ा. इससे पहले भारतीय टीम बेंगलुरु और पुणे में भी न्यूजीलैंड के हाथों हारी थी. खैर, आज हम मैच पर नहीं बल्कि इस पर बात करेंगे कि अगर मैच के दौरान किसी दर्शक को बॉल से चोल लग जाए तो उसका इलाज कौन कराएगा.
मैच के दौरान चोट
क्रिकेट मैच के दौरान जब बैट्स मैन लंबे-लंबे छक्के मारते हैं तो कई बार बॉल दर्शकों के बीच जा कर गिरती है. ऐसे में ये सवाल उठना लाज़मी है कि अगर किसी दर्शक को क्रिकेट बॉल से चोट लग जाए तो फिर उसका इलाज कौन कराएगा. दरअसल, हर मैच के दौरान स्टेडियम में तात्कालिक चिकित्सा सहायता की व्यवस्था रहती है. ये मेडिकल टीम इस तरह की स्थिति के उत्पन्न होने पर, तुरंत हरकत में आ जाती है और अगर कोई चोटिल होता है तो उसका इलाज करती है.
मेडिकल टीम के पास किस तरह की सुविधा रहती है
क्रिकेट मैच के दौरान जो चिकित्सा टीम हमेशा मौजूद रहती है, उस टीम में आमतौर पर प्राथमिक चिकित्सा, एम्बुलेंस सेवा और अन्य डॉक्टर्स होते हैं. इस टीम का काम होता है तुरंत सहायता प्रदान करना और आवश्यकतानुसार गंभीर मामलों में मरीज को हॉस्पिटल भेजना.
अब सवाल उठता है कि फिर हॉस्पिटल का खर्च कौन देगा? जब यह टीम किसी को हॉस्पिटल रेफर करती है तो उसका इलाज तुरंत शुरू कर दिया जाता है. अगर भारत में किसी दर्शक को चोट लगती है तो बीसीसीआई के मेडिकल अधिकारी इसमें मरीज की मदद करते हैं. हालांकि, भारत में अभी तक ऐसी कोई स्थिति आई नहीं है, जिसमें किसी दर्शक को बॉल से चोट लगी हो और उसे हॉस्पिटल में भर्ती कराना पड़ा हो.
अगर खिलाड़ी को लग जाए तब क्या होगा?
अगर मैच के दौरान किसी भारतीय खिलाड़ी को गंभीर चोट लग जाए तो उसके इलाज का पूरा खर्च बीसीसीआई उठाती है. ऐसे कई मामले देखने को मिले हैं, जिसमें मैच के दौरान किसी भारतीय खिलाड़ी को चोट लग गई है और उसे हॉस्पिटल में भर्ती कराना पड़ा है. इसी तरह से अगर किसी दूसरे देश के क्रिकेटर को चोट लग जाए तो उस देश की क्रिकेट बोर्ड उसके इलाज का खर्च उठाती है.
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