एशिया कप 2023 का भारत-पाकिस्तान मैच अभी चर्चा में है. बारिश की वजह से भारत-पाकिस्तान का मैच रविवार को पूरा नहीं हो पाया और रिजर्व डे यानी आज हो रहा है. जब भी कोई इंटरनेशनल मैच होता है तो उसका हर एंगल कई कैमरामैन शूट कर लेते हैं ताकि जब रीप्ले देखना हो तो आप आसानी से टीवी पर देख पाएं. आप भारत में देखते होंगे कि आपको ड्रेसिंग रुम से लेकर क्रिकेट पिच तक सबकुछ टीवी पर दिख जाता है, लेकिन कभी आपने सोचा है कि क्या दूसरे देश के खिलाड़ियों को भी ऐसा ही मैच दिखता है, जैसा आप देखते हैं. 


जैसे अगर भारत-पाकिस्तान का मैच है तो दोनों देश में एक ऐसा मैच ही दिखता है? ऐसे में सवाल है कि आखिर मैच को शूट करने वाले कैमरामैन भारत के होते हैं या फिर पाकिस्तान के. क्या ये पाकिस्तानी चैनल्स के कैमरामैन होते हैं या फिर इंडिया के कैमरामैन होते हैं. तो जानते हैं इन सवालों का जवाब कि आखिर मैच का ब्रॉडकास्ट किस तरह से किया जाता है. 


किसके होते हैं कैमरामैन?


दरअसल, जब भी मैच होता है तो सीरीज किसी ना किसी क्रिकेट बोर्ड की ओर से आयोजित कराई जाती है. कभी आईसीसी तो कभी आईपीएल की ओर से मैच करवाए जाते हैं. ऐसे में ये बोर्ड किसी एक प्रोडक्शन हाउस वगैहरा को रिकॉर्ड करने का टेंडर देता है. फिर वो कंपनी इसे शूट करती है और उस फुटेज को चैनल्स को दिया जाता है. फिर ये फुटेज उन चैनल्स को मिल जाती है, जिससे कॉन्ट्रेक्ट होता है. फिर जैसे मान लीजिए भारत के किसी चैनल को मैच दिखाना है तो बोर्ड से डील करनी होगी, जिसके बाद मैच के राइट्स मिलेंगे. 
  
ऐसे में अगर भारत पाकिस्तान के मैच में पाकिस्तान का चैनल मैच दिखाना चाहे तो उसे बोर्ड से संपर्क करना होगा और उसके चैनल को बोर्ड से डील करनी होगी. इसके बाद उसे राइट्स मिल जाएंगे और वो मैच दिखा पाएगा. इसमें ग्राफिक्स का सिस्टम अलग है और ग्राफिक का कॉन्ट्रेक्ट भी अलग होता है. दरअसल कई चैनल अपने चैनल की लैंग्वेज के आधार पर या ग्राफिक्स डिजाइन के आधार पर ग्राफिक्स दिखा देते हैं. ऐसे में वो रॉ फुटेज पर ग्राफिक्स लगाकर वो मैच दिखाते हैं. 


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