India's Perfume Capital: भारत के परफ्यूम कैपिटल के महक की दीवानी है दुनिया, कीमत है लाखों में
India's Perfume Capital: इत्र लगाना किसे नहीं पसंद होगा. ऑफिस के लिए निकलना हो या किसी पार्टी के लिए, लोग परफ्यूम लगाना बखूबी पसंद करते हैं. चलिए आज भारत के परफ्यूम कैपिटल के बारे में जानते हैं.
![India's Perfume Capital: भारत के परफ्यूम कैपिटल के महक की दीवानी है दुनिया, कीमत है लाखों में India's perfume capital world is crazy about available price in lakhs of rupees India's Perfume Capital: भारत के परफ्यूम कैपिटल के महक की दीवानी है दुनिया, कीमत है लाखों में](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/09/11/3f6d2d9a85fc60984a8fd94010f29c1a1694438415644853_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
India's Perfume Capital: भारत द्वारा अपने आयात बाजार को व्यापारियों के लिए आसान बनाने से पहले विदेश यात्रा करने वाले भारतीयों के लिए सबसे लोकप्रिय खरीदारी में से एक इत्र था. आज बाजार में विदेशी और भारतीय ब्रांड्स की भरमार है और इसके और बढ़ने की उम्मीद है. लेकिन बहुत से लोग नहीं जानते कि भारत का सबसे पुराना इत्र व्यवसाय अपने पारंपरिक तरीकों और जैविक सामग्रियों के साथ ब्रांडेड उत्पादों के खिलाफ हारी हुई लड़ाई लड़ रहा है. आज की स्टोरी में भारत के परफ्यूम कैपिटल की वो कहानी आपको बताने वाला हूं, जिसे आपको जानना चाहिए.
भारत के परफ्यूम कैपिटल की दीवानी है दुनिया
भारत के परफ्यूम कैपिटल का नाम है कन्नौज. यह कभी गौरवशाली शहर-राज्य हुआ करता था, जो अब उत्तर प्रदेश का हिस्सा है. आज भी वहां कुछ ऐसे छोटे अवशेष मिल जाते हैं जो महाभारत के दिनों से इसकी प्राचीनता को दिखाते हैं. जब आप पुराने शहर की सड़कों से गुजरते हैं, तब भी आप हवा में सुगंधित स्वर को देखने से नहीं चूक सकते; यहां तक कि सड़क किनारे नालियों से बहता कीचड़ भी कभी-कभी आपको फूलों की याद दिलाता है. ऐसा इसलिए है क्योंकि शहर में बड़ी संख्या में लोग इस व्यवसाय से जुड़े हुए हैं. वहां के इत्र का इस्तेमाल प्राकृतिक सुगंधित तेल और अर्क बनाने के साथ-साथ व्यापक रूप से साबुन, शैम्पू जैसे उपभोक्ता उत्पादों के लिए इत्र से लेकर आवश्यक तेल बनाने में उपयोग किया जाता है. कन्नौज के इत्र दवा बनाने में भी काम आते हैं.
इत्र की कीमत लाखों में
कन्नौज शहर का निर्माण कब किया गया था, उसका कोई ठोस प्रमाण नहीं है. वहां के इत्र निर्माता बड़ी संख्या में प्राकृतिक सामग्रियों से खुशबू निकाल सकते हैं, जैसे कि विभिन्न प्रकार के फूल (गुलाब, केवड़ा, चमेली, बेला, गेंदा, चमेली और लैवेंडर), प्राकृतिक उत्पादों जैसे वेटिवर और जड़ी-बूटियों और मसाले (इलायची, लौंग, केसर, जुनिपर बेरी और जटामांसी). इन फूलों को सुबह के समय तोड़ा जाता है ताकि उनमें सबसे अच्छी खुशबू बनी रहे. वहां पर मिलने वाले इत्र की कीमत 500 रुपये से लेकर 1 लाख या उससे अधिक होती है.
ये भी पढ़ें: World's Richest Country: दुनिया का सबसे अमीर देश कौन सा है? फैसिलिटी के आगे फेल हो जाएंगे न्यूयॉर्क और लंदन
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)