Ancient India: हमारे देश का इतिहास दुनिया के लिए हमेशा कौतूहल का विषय रहा है. एक समय था जब भारत पर राज करने वाले ब्रिटिश और साथ ही दुनिया की अन्य यूरोपीय ताकतें खुद को सभ्यता का पाठ पढ़ाने वाला बताती थीं. लेकिन जब हमारे देश के इतिहास की परत-दर-परत जानकारी मिलनी शुरू हुई तो दुनिया को हैरानी हुई.
साथ ही भारतीयों को असभ्य बताने वाले अग्रेज भी भौचक्के रह गए. जब पूरी दुनिया ग्रामीण और जंगली जीवन जी रही थी तब हजारों साल पहले हिंदुस्तान की धरती पर ऐसी सभ्यता विकसित हुई थी जहां आज के आधुनिक शहर के तमाम लक्षण मौजूद थे. उस महान सभ्यता का नाम था 'हड़प्पा सभ्यता'. अपने इस आर्टिकल में हम आपको हड़प्पा सभ्यता के बारे में बताएंगे-
हजारों साल पहले विकसित हुई थी हड़प्पा सभ्यता-
हड़प्पा सभ्यता का विकास हजारों साल पहले हुआ था. इसके समय को लेकर विद्वानों की राय एकमत नहीं है. लेकिन कार्बन डेटिंग पद्धति से इसके चरम काल का समय लगभग 2500 से 1700 ईसा पूर्व का अनुमान लगाया गया है. यानी कि आज से लगभग 4 या 5 हजार साल पहले हड़प्पा सभ्यता विकसित अवस्था में थी.
क्या थी खासियत-
हड़प्पा सभ्यता की खासियत थी कि यह एक शहरी सभ्यता थी. यहां के शहर कुछ-कुछ आज के आधुनिक तरीके से विकसित किए गए शहरों की तरह थे. यहां पानी के निकास के लिए नालियां,चतुर्भुज में काटती हुई गलियां और उन्नत व्यापार व्यवस्था थी. आपको यह जानकर हैरानी होगी कि हड़प्पा सभ्यता के लोग सफाई को लेकर बहुत सजग थे. उनकी नालियां पत्थर की पट्टियों से ढकी होती थीं.
पक्की ईंटों से बने होते थे मकान-
हड़प्पा सभ्यता के मकान पक्की ईंटों से बने होते थे. ईटें अनियमित नहीं बल्कि बेहद नपी-तुली और निश्चित आकार की होती थीं. उनके आकार का अनुपात 2:4 था. यहां अन्न रखने के लिए अन्नागार, विकसित मूर्तिकला और बहुत ही वैज्ञानिक तरीके से बनाए गए घर मिले हैं. हर घर में एक कुआं होता था.
स्नानागार को कहा गया दुनिया के लिए आश्चर्य-
हड़प्पा सभ्यता के शहर मोहनजोदड़ो में एक विशाल स्नानागार मिला है. जिसमें पानी भरने से लेकर उसके निकास के लिए भी खास व्यवस्था थी. इसमें उत्तर और दक्षिण की ओर उतरने और चढ़ने के लिए सीढियां बनी हुई थीं. यह स्नानागार पक्की ईंटों से बहुत ही बारीक कारीगरी द्वारा बनाया गया था. कई इतिहासकारों ने इसे उस समय की दुनिया का आश्चर्य कहा है.
बेहतरीन इंजीनियरिंग की मिसाल है हड़प्पा सभ्यता
बेहद सटीक और बारीक निर्माण, अद्भुत और विकसित शहरी विकास से यह साबित होता है कि हड़प्पा सभ्यता इंजीनियरिंग की बेहतरीन मिसाल है. यह सभ्यता अपने समय की अन्य सभ्यताओं जैसे सुमेरियन और मेसोपोटामिया की तुलना में बेहद विकसित थी.
आकार में बहुत बड़ी थी हड़प्पा सभ्यता-
यह सभ्यता आकार में बहुत बहुत बड़ी थी. उत्तर में जम्मू कश्मीर के मांडा,दक्षिण में महाराष्ट्र के दैमाबाद,पूर्व में उत्तर प्रदेश के मेरठ में आलमगीरपुर और पश्चिम में पाकिस्तान के बलूचिस्तान में मकरान तट तक स्थित थी. हड़प्पा सभ्यता को सिंधु घाटी सभ्यता और कांस्य युगीन सभ्यता भी कहा जाता है. यह बहुत ही बड़े क्षेत्र में फैली हुई थी. इसके महत्वपूर्ण शहर हड़प्पा,मोहनजोदड़ो,लोथल,धौलावीरा,राखीगढ़ी,बनवाली,दैमाबाद और सुत्कागेडोर थे.