अफगानिस्तान के साथ वैसे तो भारत के संबंध हमेशा दोस्ताना रहे हैं. लेकिन, तालिबान के शासन में वहां कब क्या हो जाए कुछ कहा नहीं जा सकता. ऐसे में हमारा ये जानान जरूरी है कि अगर आज भारत और अफगानिस्तान के बीच युद्ध हो जाए तो तालिबानी सेना कितने दिनों तक भारत के सामने टिक पाएगी. चलिए आपको बताते हैं कि दोनों देशों की सेनाओं और उनके पास मौजूद हथियारों में कितना अंतर है.


पहले भारतीय सेना की शक्ति को समझिए


भारत के पास 12 लाख सक्रिय सैनिक हैं. वहीं रिजर्व सैनिकों की बात करें तो उनकी संख्या 960,000 है. भारत के पास कुल 4614 टैंक हैं. खासतौर से भारत की तीसरी पीढ़ी के अर्जुन और टी-90एस टैंकों के सामने दुश्मन दूर-दूर तक नहीं टिकते.


तोपों की बात करें तो भारत के पास 150 से अधिक BM-21 ग्रैड हैं. इसके अलावा स्वदेशी पिनाका MLRS, 370+ 300 मिमी सोवियत स्मर्च ​​9K58 हैं , 100 विनाशकारी दक्षिण कोरियाई 155 मिमी K9 वज्र और स्वदेशी 130 मिमी/39 कैलिबर अर्जुन हैं. BAE सिस्टम्स M777 है  और 700 से अधिक टी-55 भी भारत के पास हैं.


मिसाइलों से भरा है भारत का खजाना


मिसाइलों की बात करें तो भारत के पास SAM का बड़ा भंडार है. S-125 Neva/Pechora के साथ-साथ भारत के पास सोवियत 9K33 ओसा AK, पायथन और डर्बी मिसाइलें हैं. इसके अलावा भारत के पास इजराइली SPYDER, BARAK8 LRSAM और पृथ्वी एयर डिफेंस (PAD), एडवांस्ड एयर डिफेंस (AAD) 2 सक्षम एंटी-बैलिस्टिक मिसाइलें भी हैं.


फाइटर जेट के मामले में भी भारत आगे


भारत के पास मिग 21 'बाइसन', SEPECAT जगुआर और मिराज 2000 हैं. इसके अलावा कई बमवर्षक विमान हैं. सुखोई Su-30 MKI के अलावा तेजस Mk1 भी भारतीय वायुसेना की शक्ति है. वहीं हेलिकॉप्टर की बात करें तो भारत के पास सबसे घातक हेलिकॉप्टर अपाचे AH-64 (22), मिल एमआई-24/35 हिंद (15) और एचएएल एलसीएच (लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर) है. इसके अलावा भारत के पास 100 से अधिक एचएएल रुद्र, 250 मिल एमआई-17 और सीएच-47 चिनूक भी भारत की शक्ति हैं. नेवी के मामले में भी भारत दुनिया की बड़ी शक्तियों में शामिल है.


अब अफगानिस्तान की ताकत को समझिए


नेशन मास्टर की रिपोर्ट के मुताबिक, अफगानिस्तान के सैनिकों की संख्या लगभग 53,000 है. जबकि, 27000 रिजर्व फोर्स है. वहीं टैंक्स की बात करें तो अफगान आर्मी के पास मात्र 600 टैंक हैं. जबकि, अटैक हेलिकॉप्टर सिर्फ 65 हैं. हालांकि, रिपोर्ट्स के मुताबिक, तालिबान के आने से पहले, अफगान नेशनल डिफेंस एंड सिक्योरिटी फोर्सेज में लगभग 300,000 सैनिक थे, जिनमें से सेना, पुलिस, और वायु सेना शामिल थीं.


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