भारत अब हर मोर्चे पर चीन को जवाब देने के लिए तैयार है. जमीन और आकाश के लिए आर्मी और एयर फोर्स की ताकत बढ़ाने के बाद अब प्रोजेक्ट 75 के तहत भारत अपनी नौसेना को भी मजबूत करेगा. दरअसल, अब भारत इसी प्रोजेक्ट के तहत न्यूक्लियर पनडुब्बियां बनाने पर जोर दे रहा है. चलिए, इसके बारे में आपको विस्तार से बताते हैं.


भारत बढ़ा रहा है शक्ति


हिंद महासागर में चीन के बढ़ते दखल को देखते हुए भारत ने फैसला किया है कि वह दो परमाणु-संचालित अटैक सबमरिन (SSN) बनाएगा. इसके लिए भारत 5.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर खर्च करेगा. हालांकि, इन पनडुब्बियों के निर्माण से भारत ना सिर्फ चीन को काबू करेगा, बल्कि दुनिया में एक नई समुद्री ताकत भी बन कर उभरेगा.


रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन परमाणु पनडुब्बियों का निर्माण लार्सन एंड टुब्रो की मदद से विशाखापत्तनम में सरकारी जहाज निर्माण केंद्र में किया जाएगा. कहा जा रहा है कि ये न्यूक्लियर सबमरीन पारंपरिक डीजल से चलने वाली पनडुब्बियों की तुलना में तेज, शांत और अधिक समय तक पानी के नीचे रहने में सक्षम होंगी.


अब प्रोजेक्ट 75 के बारे में जानिए


ऊपर हम जिन परमाणु पनडुब्बियों की बात कर रहे हैं वो एक स्पेशल प्रोजेक्ट, 'प्रोजेक्ट 75' के तहत बनाई जा रही हैं. दरअसल, भारत का प्रोजेक्ट 75 एक महत्वाकांक्षी डिफेंस प्रोग्राम है, जिसे इंडियन नेवी के लिए स्वदेशी पनडुब्बियों के निर्माण के उद्देश्य से शुरू किया गया है. प्रोजेक्ट 75 का मेन उद्देश्य देश की समुद्री सुरक्षा को मजबूत करना और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना है.


प्रोजेक्ट-75 की 6 पनडुब्बियां


भारत समुद्री सीमा काफी विशाल है, जो लगभग 7,516 किलोमीटर लंबी है. इतनी बड़ी सीमा की सुरक्षा के लिए किसी भी देश के पास एक सक्षम और प्रभावशाली नौसेना होनी ही चाहिए. भारत की नौसेना कई मामलों में सबसे सर्वोत्तम है. लेकिन परमाणु पनडुब्बियों को मामले में अभी भी काम करने की जरूरत है. प्रोजेक्ट-75 इसी कमी को पूरा करने के लिए है.


प्रोजेक्ट-75 के तहत भारत 6 पनडुब्बियां बनाएगा, इसमें से दो के लिए मंजूरी मिल गई है, जिसके बारे में हमने आपको ऊपर बताया है. आसान भाषा में कहें तो प्रोजेक्ट-75 का मेन उद्देश्य एयर-इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन (AIP) तकनीक की मदद से 6 स्वदेशी पनडुब्बियों का निर्माण करना है. सबसे बड़ी बात कि प्रोजेक्ट 75 के तहत सभी 6 पनडुब्बियों का निर्माण पूरी तरह से भारत में ही किया जाएगा, जिससे देश आत्मनिर्भरता की ओर आगे बढ़ेगा.


भारत में बनी इन पनडुब्बियों की खासियत की बात करें तो ये पनडुब्बियाँ कई प्रकार के मिसाइलों और टॉरपीडो से लैस होंगी. इसके अलावा इन्हें आधुनिक संचार और निगरानी उपकरणों से भी लैस किया जाएगा.


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