Indian Akshay Urja Day (Renewable Energy Day): 20 अगस्त को हर साल अक्षय ऊर्जा दिवस मनाया जाता है, जो अक्षय ऊर्जा की महत्ता और इसके उपयोग के प्रति जागरूकता फैलाने का एक प्रयास है. अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में दुनियाभर में उन्नती हो रही है. इस क्षेत्र में विभिन्न देशों की प्राथमिकताएं और उपलब्धियां अलग-अलग हैं और इस क्षेत्र में भारत की स्थिति लगातार सुधार कर रही है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया का टॉप देश अक्षय ऊर्जा में कौन सा है? और भारत की स्थिति क्या है? चलिए आज जान लेते हैं.


क्या होती है अक्षय ऊर्जा?


अक्षय ऊर्जा या नवीकरणीय ऊर्जा प्राकृतिक स्रोतों का उपयोग करके बनाई जाती है, लेकिन ये वो स्त्रोत होते हैं जो कभी खत्म नहीं होते. वायु ऊर्जा, सौर ऊर्जा, हाइड्रो पावर, बायोमास, जियोथर्मल इसके उदाहरण हैं. ये स्त्रोत कभी समाप्त नहीं होते हैं और इन्हें लगातार नवीनीकृत किया जाता है. यही कारण है कि इन स्त्रोतों से प्राप्त ऊर्जा को नवीकरणीय ऊर्जा कहा जाता है.


अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देने में पहले स्थान पर है ये देश


अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देने के मामले में पहले स्थान पर चीन का नाम आता है. चीन ने हाल के कुछ सालों में अक्षय ऊर्जा उत्पादन और निवेश में बड़ी भूमिका निभाई है. चीन ने बड़ी मात्रा में सौर और पवन ऊर्जा परियोजनाओं को लागू किया है, जिससे यह दुनिया का सबसे बड़ा अक्षय ऊर्जा उत्पादक बन गया है. चीन की व्यापक नीतियां और सरकारी प्रोत्साहन ने उसे इस क्षेत्र में एक वैश्विक नेता बना दिया है.


दूसरे और तीसरे नंबर पर इन देशों को आता है नाम


अक्षय ऊर्जा के मामले में दुनिया में दूसरे नंबर पर संयुक्त राज्य अमेरिका और तीसरे नंबर पर जर्मनी का नाम आता है. इन देशों ने अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देने की दिशा में अच्छा काम किया है.


किस स्थान पर आता है भारत?


भारत लगातार नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा दे रहा है. भारत नवीकरणीय ऊर्जा, सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा के मामले में दुनिया में चौथे स्थान पर है. साल 2022 तक भारत की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता 175 गीगावाट है. हालांकि भारत सरकार साल 2030 तक अपनी ऊर्जा जरूरत का 50 फीसदी यानि करीब 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा के जरिए पूरी करना चाहती है.                                              


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