भारतीय सेना दुनिया की चौथी सबसे बड़ी सेना है. भारतीय सेना में 10 लाख से ज्यादा जवान हैं. हालांकि 2022 के बाद से नए नियमों के मुताबिक अग्निवार जवानों की भर्ती हो रही है. लेकिन अब सवाल ये है कि क्या कोई अग्निवीर जवान प्रमोशन पाकर मेजर की रैंक तक पहुंच सकता है. आज हम आपको बताएंगे कि आखिर कैसे कोई जवान मेजर की रैंक तक पहुंच सकता है.
मेजर रैंक
बता दें कि भारतीय सेना में इस समय दो तरह के जवान है. जिसमें एक नियमित भर्ती वाले हैं और दूसरे अग्निवीर योजना से जुडें जवान है. अग्निवीर योजना के तहत भर्ती होने वाले जवानों की नौकरी सिर्फ 4 साल की है, जिसके बाद भर्ती होने वाले 75 फीसदी जवानों को रिटायर कर दिया जाएगा, सिर्फ 25 फीसदी जवानों को सेना में रखा जाएगा. अब सवाल ये है कि क्या अग्निवीर जवान प्रमोशन पाकर मेजर रैंक तक पहुंच सकते हैं.
जानकारी के मुताबिक 4 साल की भर्ती वाले अग्निवीर जवानों को इतना समय ही नहीं मिलता है कि वो मेजर रैंक तक पहुंच सके. सेना से जुड़े एक एक्सपर्ट ने बताया कि 4 साल में मेजर रैंक तक पहुंचना संभव नहीं होता है. हालांकि 4 साल बाद जिन 25 फीसदी जवानों को सेना में भर्ती किया जाएगा, वो कुछ साल बाद मेजर रैंक तक पहुंच सकते हैं. आमतौर पर मेजर रैंक तक पहुंचने के लिए 4 से 6 साल का समय लगता है.
भारतीय सेना
जानकारी के मुताबिक भारतीय सेना में अभी 10 लाख से भी ज्यादा सक्रिय जवान है. भारतीय सेना दुनिया की चौथी सबसे बड़ी सेना है. लेकिन अब 14 जून साल 2022 को भारतीय सेना में बड़ा बदलाव करके अग्नि वीर स्कीम लागू हुआ है. इस योजना के तहत थल सेना, नौसेनास वायु सेवा में शामिल होने वाले नॉन ऑफिसर रैंक जवानों में 75 फीसदी जवानों की सेवा मात्र 4 साल के लिए होगी. हालांकि इस योजना के तहत भर्ती होने वाले 25% जवानों को भी पूरी सर्विस करने का मौका दिया जाता है. लेकिन अब सवाल ये है कि 4 साल की नौकरी के बाद अग्निवीर जवान क्या काम करेंगे और उनकी भर्ती कहां पर होगी. आज हम आपको बताएंगे कि अग्निवीर जवानों को किन नौकरियों में आरक्षण मिलेगा.
कहां मिलेगा आरक्षण
बता दें कि सीआईएसएफ (सेंट्रल इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी फोर्स), बीएसएफ (बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स) और सीआरपीएफ (सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स) और सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के प्रमुखों ने पूर्व अग्निवीरों के लिए आरक्षण का ऐलान किया है. सीआईएसएफ की डीजी नीना सिंह ने बताया कि भर्ती में पूर्व अग्निवीरों को प्राथमिकता दी जाएगी. वहीं बीएसएफ के डीजी नितिन अग्रवाल ने बताया कि पूर्व अग्निवीरों की भर्ती से सभी सुरक्षाबलों को फायदा होगा. उन्होंने बताया कि खाली पदों में से 10% पूर्व अग्निवीरों के लिए आरक्षित होंगे. वहीं सीआरपीएफ के डीजी अनीश दयाल सिंह ने भी बताया कि पूर्व अग्निवीरों की भर्ती के लिए 10% आरक्षण की व्यवस्था की गई है. उन्होंने बताया कि इस हिसाब से भर्ती नियमों में भी बदलाव भी किया गया है. नए नियमों के तहत पूर्व अग्नवीरों के लिए अब एक तय कोटा होगा.
एज लिमिट में छूट
पूर्व अग्निवीर जवानों को एज लिमिट और फिजिकल टेस्ट में भी छूट मिलेगा. सीआईएसएफ की डीजी नीना सिंह ने बताया कि पहले बैच में पूर्व अग्निवीरो अग्निवीरों को एज लिमिट में 5 साल और दूसरे बैच में 3 साल की छूट मिलेगी. अधिकारियों कहा कहना है कि पूर्व अग्निवीरों के पास चार साल का अनुभव होगा. इससे वो पूरी तरह से अनुशासित और अधिक प्रशिक्षित होंगे. वहीं सीआरपीएफ में भी भर्ती के लिए पूर्व अग्निवीरों को फिजिकल टेस्ट देने की जरूरत नहीं होगी. सीआरपीएफ और एसएसबी में पहले बैच में पूर्व अग्निवीरों को एज लिमिट में 5 साल और फिर 3 साल की छूट होगी.
ये भी पढ़ें: National Football Day: पाकिस्तान में बनती है दुनिया की सबसे बेहतरीन फुटबॉल, इतनी होती है कीमत