भारतीय सेना में कंपनी बड़ी है या फिर बटालियन? अग्निवीर बनने से पहले जान लें
Indian Army: देश के हर नागरिक का सपना होता है कि उसे देश सेवा का मौका मिले. सेना में शामिल होकर हर युवा देश की सेवा करना चाहता है. क्या आपको पता है कि सेना में कंपनी और बटालियन में क्या अंतर होता है?
Indian Army: भारतीय सेना विश्व की अन्य सभी सेनाओं की तुलना में दूसरी सबसे बड़ी सेना है. आर्मी भारत की अन्य सभी सशस्त्र सेनाओं का सबसे बड़ा कंपोनेंट है. भारतीय सेना में 12 लाख से अधिक सैनिक सक्रिय रूप से कार्यरत हैं. सेना में 34 डिवीजन हैं. भारतीय सेना का मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है. भारतीय सेना का पूरा कमान सेनाध्यक्ष (सीओएएस) के अधीन है. आज की स्टोरी में हम कंपनी और बटालियन में से कौन बड़ा होता है? उससे पहले एक बार इंडियन आर्मी को समझ लेते हैं.
भारतीय सेना और उसकी डिवीजन
भारतीय सेना में प्रत्येक डिवीजन का नेतृत्व जनरल कमांडिंग ऑफिसर (GOC) द्वारा किया जाता है. रैंक मेजर जनरल की होगी. डिवीजन में पंद्रह हजार युद्ध योग्य सैनिकों और आठ हजार सहायक बल की ताकत है. वर्तमान में भारत की सेना में सैंतीस डिवीजन हैं जिनमें चार पुनर्गठित आर्मी प्लेन्स इन्फेंट्री डिवीजन (रैपिड) एक्शन डिवीजन, पैदल सेना के अठारह डिवीजन, दस माउंटेन डिवीजन, शस्त्रागार के तीन डिवीजन और तोपखाने के दो डिवीजन शामिल हैं. प्रत्येक डिवीजन में ब्रिगेडियरों की एक निश्चित संख्या होती है.
ब्रिगेड क्या होता है?
सहायक एलिमेंट्स के साथ लगभग तीन हजार सैनिक एक ब्रिगेड बनाते हैं. इन्फैंट्री की एक ब्रिगेड में कई सेवाओं और हथियारों के साथ सामान्य रूप से तीन इन्फैंट्री बटालियन शामिल होती हैं. प्रत्येक ब्रिगेड का नेतृत्व एक ब्रिगेडियर करता है. सेना के विभिन्न डिवीजनों में ब्रिगेड की मौजूदगी के साथ-साथ हमारी सेना में पांच आर्मर ब्रिगेड भी शामिल हैं जो स्वतंत्र हैं. इसके अलावा, भारतीय सेना के पास स्वतंत्र तोपखाने की पंद्रह ब्रिगेड के साथ-साथ स्वतंत्र इन्फैंट्री की सात ब्रिगेड, स्वतंत्र पैराशूट की एक ब्रिगेड, स्वतंत्र वायु रक्षा की तीन ब्रिगेड, स्वतंत्र वायु रक्षा के दो समूह और चार इंजीनियर ब्रिगेड हैं जो स्वतंत्र होते हैं. सभी स्वतंत्र ब्रिगेडों का नेतृत्व सीधे कोर के कमांडर द्वारा किया जाता है.
कौन होता है दोनों में बड़ा?
कर्नल बटालियन का कमांडर होता है. यह पैदल सेना की महत्वपूर्ण लड़ाकू यूनिट है. एक बटालियन में नौ सौ से अधिक लड़ाकू होते हैं. एक कंपनी का नेतृत्व कैप्टन या मेजर द्वारा किया जाता है. सैनिकों के लगभग 120 समूह एक कंपनी बनाते हैं. उसके बाद आता है प्लाटून, जिसमें 32 सैनिकों का समूह होता है. फिर सबसे आखिरी में सेक्शन आता है, जिसमें 10 सैनिक होते हैं, सार्जेंट रैंक या हवलदार रैंक के अधिकारी होते हैं.
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