देहरादून से लेकर दिल्ली तक...देश के इन शहरों के नाम पहले क्या हुआ करते थे? जानिए
साल 1816 में ब्रिटिश नागरिक ऐरॉन एरो स्मिथ ने हैदराबाद का एक नक़्शा तैयार किया, जिसमें हैदराबाद के नाम के नीचे उन्होंने ‘भाग्यनगर’ और ‘गोलकुंडा’ भी लिखा.
बीते कुछ वर्षों में आपने देखा होगा कि शहरों के नाम मौजूदा सरकार तेजी से बदल रही है. इस पर कई बार हंगामा भी हुआ. हालांकि, शहरों के नाम बदलना कोई नई बात नहीं है, दशकों से ऐसा होता आ रहा है. दिल्ली जो देश की राजधानी है...कालांतर में उसका नाम कुछ और हुआ करता था, वहीं देहरादून जहां पहाड़ों की रानी मसूरी बसती है कालांतर में उसका नाम भी कुछ और था. आज इस आर्टिकल में हम आपको देश के कुछ बड़े शहरों के पुराने नामों के बारे में बताएंगे और इसके साथ ही ये भी बताएंगे कि आखिर इन शहरों का नाम समय के साथ कैसे बदल गया.
इंद्रपस्थ से दिल्ली तक का सफर
इतिहास पर नजर डालें तो मालूम पड़ता है कि देश की राजधानी दिल्ली का नाम प्राचीनकाल में इंद्रप्रस्थ हुआ करता था. लेकिन 800 BC में जब कन्नौज के गौतम वंश के राजा ढील्लू ने इस शहर पर अपना कब्ज़ा जमा लिया तो उसने ‘इन्द्रप्रस्थ’ का नाम बदलकर ‘ढील्लू’ कर दिया. जबकि मध्यकालीन युग 1052 एडी में तोमरवंश के राजा आनंगपाल द्वितीय ने दिल्ली की स्थापना की थी. उन्हीं के शासनकाल में ही दिल्ली ‘ढिल्लिका’ के नाम से जानी जाने लगी. इसी के बाद यह बदलते बदलते दिल्ली हो गई. कहते हैं दिल्ली शब्द फ़ारसी के ‘दहलीज या देहली' शब्द से निकला है. इसका अर्थ होता है प्रवेशद्वार.
डेरा से देहरादून तक
कहा जाता है कि 17वीं शताब्दी में सिख गुरु हर राय के पुत्र रामराय इस इलाके में आये थे और उन्होंने ख़ुद के लिए और अपने अनुयायियों के रहने के लिए यहां अपना एक ‘डेरा’ स्थापित किया. डेरा बसने की वजह से यहां लोगों की बसावट शुरू हो गई और लोग इसे स्थानीय बोलचाल में ‘डेरा’ की जगह ‘देहरा’ कहने लगे. वहीं यह घाटी में बसा था जिसे लोकल भाषा में दून भी कहा जाता था. इस वजह से धीरे-धीरे इस जगह का नाम बदलते बदलते देहरादून हो गया.
भाग्यनगर से हैदराबाद तक
कहा जाता है कि मौजूदा हैदराबाद का नाम इतिहास में भाग्यनगर था. ये हम नहीं कह रहे हैं बल्कि इतिहास में कुछ जगहों पर दिखाई पड़ता है. दरअसल, बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, इतिहास की कई किताबों में हैदराबाद का नाम भाग्यनगर दिखाई पड़ता है. साल 1816 में ब्रिटिश नागरिक ऐरॉन एरो स्मिथ ने हैदराबाद का एक नक़्शा तैयार किया, जिसमें हैदराबाद के नाम के नीचे उन्होंने ‘भाग्यनगर’ और ‘गोलकुंडा’ भी लिखा. इतिहासकार नरेंद्र लूथर ने भी 1992-93 में छपी अपनी बुक ‘ऑन द हिस्ट्री ऑफ़ भाग्यमती’ में भी इसका ज़िक्र किया है कि ‘हैदराबाद’ का पुराना नाम ‘भाग्यनगर’ था.
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