भारतीय समुद्री सीमाओं के सुरक्षा की जिम्मेदारी इंडियन कोस्ट गार्ड के जवानों की होती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन्हें किस तरह के मिशन पर भेजा जाता है. आज हम आपको भारतीय तटरक्षक से जुड़ा रोचक तथ्य बताएंगे.


भारतीय तटरक्षक


बता दें कि हर साल 1 फरवरी को इंडियन कोस्ट गार्ड यानी भारतीय तटरक्षक दिवस मनाया जाता है. जानकारी के लिए बता दें कि यह भारत का सशस्त्र बल है, इसके जवान समुद्री सीमाओं की रक्षा करते हैं. इसके साथ ही समुद्री हितों के लिए राहत व बचाव कार्यो को संभालते हैं. इसका नेतृत्व इंडियन नेवी के वाइस-एडमिरल रैंक के अधिकारी करते हैं.


इंडियन कोस्ट गार्ड का उद्देश्य ‘वयम् रक्षाम:’ यानी हम रक्षा करते हैं. इनकी विशेषता तैयार, तत्पर और जवाबदेही है. इंडियन कोस्ट गार्ड भारत की सबसे छोटी सशस्त्र सेना है. समुद्री डकैती, तस्करी और आपदाओं से बचाने के लिए भारतीय तटरक्षक बल का महत्वपूर्ण योगदान है.


कब हुई स्थापना?


देश की समुद्री सीमाओं की सुरक्षा के लिए सन 1977 में दो जहाज और पांच गश्ती नौकाओं के साथ इंडियन कोस्ट गार्ड यानी भारतीय तटरक्षक बल की स्थापना को स्वीकृति मिली थी. इसके बाद 1 फरवरी 1978 को जलीय और आर्थिक क्षेत्र की देखरेख का जिम्मा इंडियन कोस्ट गार्ड ने संभाला था. 19 अगस्त 1978 को भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने औपचारिक रूप से भारतीय तटरक्षक बल का उद्धघाटन किया था.


इंडियन कोस्ट गार्ड से जुड़ा रोचक तथ्य


• भारतीय तटरक्षक बल समुद्री सीमाओं की सुरक्षा के लिए भारतीय नौसेना, मत्स्य विभाग, राजस्व विभाग और केंद्र और राज्य पुलिस बलों के साथ मिलकर कार्य करते हैं.
• बता दें कि यह भारत के 7516.60 किलोमीटर के समुद्र तट की सुरक्षा करता है, जिसमें विभिन्न राज्यों और कुछ व्यस्ततम व्यापारिक मार्गों के किलोमीटर तट शामिल हैं.
• भारतीय तटरक्षक बल के लगभग हर सदस्य को अपनी सेवा के दौरान कुछ विदेशी देशों का दौरा करने का अवसर मिलता है.
• इंडियन कोस्ट गार्ड की स्थापना गैर-सैन्य समुद्री सेवाएं प्रदान करने के लिए किया गया है. यह किसी भी प्रकार की सैन्य कार्रवाई में भाग नहीं ले सकते हैं. हालांकि किसी अन्य समुद्री घुसपैठ को रोकने के लिए इनके जवान तत्पर रहते हैं.
• भारत के थल, वायु और जल सैन्य सेवाओं के विपरीत, इंडियन कोस्ट गार्ड में 60 वर्ष की आयु तक सेवा करने का प्रावधान है.
• इंडियन कोस्ट गार्ड के जहाज इंडियन नेवी के जहाज से अलग होते हैं और ये भारतीय सीमाओं की सुरक्षा करते हैं.


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