बच्चे होने के बावजूद अपनी कितनी प्रॉपर्टी दूसरे के नाम पर कर सकते हैं आप? जान लें यह नियम
भारतीय कानून के अनुसार, अगर किसी व्यक्ति ने संपत्ति स्वंय से बनाई है, यानी उसे ये संपत्ति पुरखों से नहीं मिली है तो वह इस संपत्ति का कुछ भी कर सकता है.
संपत्ति के अधिकार, बिक्री और दान को लेकर भारतीय संपत्ति अधिनियम, भारतीय उत्तराधिकार अधिनियम में कई तरह के नियम कानून बनाए गए हैं. कोई भी व्यक्ति इन्हीं नियम और कानूनों के अंतर्गत अपनी संपत्ति किसी के नाम कर सकता है, उसे बेच सकता है या फिर दान कर सकता है. चलिए आज इस खबर में जानते हैं कि अगर किसी व्यक्ति के बच्चे हैं तो वह अपनी संपत्ति का कितना हिस्सा किसी दूसरे व्यक्ति के नाम कर सकता है.
पहले उत्तराधिकार अधिनियम को समझिए
भारतीय उत्तराधिकार अधिनियम, 1925 के मुताबिक, अगर किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है, तो उसकी संपत्ति उसके कानूनी उत्तराधिकारियों में बांट दी जाती है. मुख्यतौर पर इस अधिनियम के तहत, पति-पत्नी, बच्चे, माता-पिता और अन्य निकटतम रिश्तेदार उत्तराधिकारी माने जाते हैं. हालांकि, ये कानून तभी लागू होता है जब व्यक्ति की मृत्यु हो जाए जीते जी व्यक्ति अपनी संपत्ति किसी को भी दान दे सकता है, बेंच सकता है. अगर किसी को इससे आपत्ति है तो वह इसके विरोध में अदालत जा सकता है.
पिता अपनी संपत्ति बच्चों को देने के लिए मजबूर होता है?
इस तरह के कई मामले सामने आते हैं, जिसमें एक व्यक्ति अपनी संपत्ति किसी और के नाम कर देता है और उसकी बीवी और बच्चे दर-दर की ठोकरें खाते हैं. अब सवाल उठता है कि क्या कोई व्यक्ति ऐसा कर सकता है.
भारतीय कानून के अनुसार, अगर किसी व्यक्ति ने संपत्ति स्वंय से बनाई है, यानी उसे ये संपत्ति पुरखों से नहीं मिली है तो वह इस संपत्ति का कुछ भी कर सकता है. यानी दान दे सकता है, बेंच सकता है या किसी को उपहार दे सकता है. हालांकि, अगर व्यक्ति के बीवी-बच्चे असमर्थ हैं और उसके ऊपर आश्रित हैं तो, अदालत ऐसे मामलों में व्यक्ति को सारी संपत्ति दूसरे के नाम करने से रोक सकती है. अदालत ऐसे मामलों में व्यक्ति को उसकी बीवी और बच्चों के प्रति उसकी जिम्मेदारी का अहसास दिलाती है और संपत्ति का कुछ हिस्सा उनके नाम करने को कह सकती है.
हालांकि, अगर बच्चे बड़े हैं और इतने समर्थ हैं कि अपना पालन पोषण कर सकें तो व्यक्ति को उसकी संपत्ति बेचने, दान देने या उपहार देने से कोई नहीं रोक सकता. इसके अलावा अगर किसी बुजुर्ग व्यक्ति को लगता है कि उसका परिवार उसकी देख भाल सही से नहीं कर रहा है तो वह इस बेस पर अपनी संपत्ति ऐसे किसी भी व्यक्ति के नाम कर सकता है जो उसकी देख भाल कर रहा हो या फिर वह अपनी पूरी संपत्ति बेंच सकता है या दान दे सकता है.
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