रेलवे सैलून कोच के बारे में जानते हैं, जिसके सामने फर्स्ट एसी भी कुछ नहीं है... होटल जैसी सुविधा मिलती है
Indian Railway Car Saloon: आपको लगता होगा कि अगर ट्रेन में सबसे ज्यादा लग्जरी सफर सिर्फ फर्स्ट एसी के कोच में ही किया जा सकता है, लेकिन इससे भी ज्यादा लग्जरी रेलवे कार सैलून में भी हो सकती है.
ये आप भी जानते हैं कि ट्रेन में लग्जरी और किराए के हिसाब से अलग अलग कोच होते हैं. कहा जाता है कि सबसे ज्यादा लग्जरी सफर का अनुभव फर्स्ट एसी में होता है, जहां अलग केबिन मिलता है. खाने पीने के लिए भी अलग से व्यवस्था होती है और यात्रियों को सीट पर काफी सर्विस मिल जाती है. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि इससे ज्यादा लग्जरी सफर भी ट्रेन में तय किया जा सकता है, जिसमें तो यात्रा करने के लिए पूरा कमरा मिलता है और सीट की जगह सोफे और बिस्तर मिलते हैं. जी हां, आपको इस यात्रा में पूरे होटल का अनुभव होता है. तो जानते हैं इसमें क्या खास होता है और कैसे इसमें सफर किया जा सकता है...
होता क्या है रेलवे सैलून?
रेलवे सैलून वो कोच होते हैं, जिन्हें ट्रेन के साथ अलग से लगाए जाते हैं. जैसे ट्रेन में अलग अलग सीट की व्यवस्था होती है, वैसे कुछ मामला इस कोच में नहीं होता है. इसमें पूरा कोच ही बुक करना होता है और सीट के रुप में कोच ही बुक होता है. फिर इस कोच में अलग अलग सीट नहीं होती है, जबकि जब इस कोच की बुकिंग होती है तो आपको पूरा कोच मिलता है. इस कोच में भी पूरा कमरा होता है, जिसमें बेड सोफा आदि लगा होता है और आपको ऐसा बिल्कुल नहीं लगता है कि आप ट्रेन में सफर कर रहे हैं. सीधी भाषा में कहा जाए तो इसका मतलब ये है कि आप सफर के लिए लग्जरी कमरा बुक करते हैं और एक होटल में बैठे हुए कहीं ट्रेवल कर रहे हैं.
इसमें क्या खास होता है?
ट्रेन में सेकेंड एसी हो या फिर फर्स्ट एसी. सभी कोच में सीटों की व्यवस्था होती ही है. लेकिन इस कोच में पूरा कोच यानी पूरा कमरा मिलता है. यह एक तरीके से लग्जरी कमरे होते हैं, जिनमें बैठक आप लंबी दूरी तक यात्रा कर सकते हैं. कमरे में सोफे, बैड, किचन, लग्जरी वॉशरूम आदि की सुविधा होती है. यह एक महंगे होटल की तरह ही होते हैं, इसमें ट्रैवल करने वालों को एक अच्छे होटल सूइट की फीलिंग आती है.
क्या हर ट्रेन में होता है?
वैसे तो यह सर्विस कई साल पहले थी. हालांकि, रेलवे ने कुछ दिन साल पहले फिर से इसकी शुरुआत की थी. ऐसा नहीं है कि यह सुविधा आपको हर ट्रेन में मिलती है, इसके लिए खास रुट या ट्रेन तय है. इसके साथ ही यह अक्सर रेलवे अधिकारियों के लिए काम में लिया जाता था. जब भी रेलवे के सीनियर अधिकारी कहीं का दौरा करते थे तो इससे ही जाते थे. मगर अब अधिकारियों के लिए इस सर्विस को धीरे- धीरे कम किया जा रहा है.
कितना लगता है किराया- जिन ट्रेन में आप सैलून बुक कर सकते हैं, उनके किराए की बात करें तो इसके लिए एक रात की जितने लंबे सफर के लिए करीब 2 लाख रुपये खर्च करने पड़ सकते हैं.
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