(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
इस वजह से होते हैं भारत में सबसे ज्यादा ट्रेन हादसे, हर साल होती है इतने लोगों की मौत
उत्तर प्रदेश के गोंडा में गुरुवार को गोंडा-गोरखपुर रेलमार्ग पर मोतीगंज के पिकौरा गांव के पास चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस की पांच बोगियां पलट गईं जिससे कई लोगों के घायल होने की आशंका है.
Dibrugarh Express Train Accident: उत्तर प्रदेश के गोंडा में गुरुवार को गोंडा-गोरखपुर रेलमार्ग पर मोतीगंज के पिकौरा गांव के पास चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस की पांच बोगियां पलट गईं, इस हादसे में कई लोगों के घायल होने की आशंका जताई जा रही है. फिलहाल रेलवे व पुलिस फोर्स मौके पर पहुंच गई है. घायलों को रेलवे अस्पताल लाया जा रहा है. फिलहाल राहत बचाव कार्य जारी है, फिलहाल तीन लोगों की मौत की खबर सामने आई है. ऐसे में सवाल ये उठता है कि आखिर भारतीय रेलवे में ट्रेन सबसे ज्यादा किन वजहों से हादसे का शिकार होती हैं, चलिए जान लेते हैं.
रेलवे में सबसे ज्यादा क्यों होते हैं हादसे?
रेलवे की ईयर बुक के मुताबिक, सबसे ज्यादा रेल हादसे डिरेलमेंट यानी ट्रेन के पटरी से उतर जाने के कारण होते हैं. साल 2015-16 से 2021-22 के बीच 449 ट्रेन हादसे ट्रेन हादसे हुए, आपको जानकर हैरानी होगी इनमें से 322 की वजह डिरेलमेंट थी. चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ में भी कुछ ऐसा ही हादसा देखने को मिला, जहां तीन डिब्बे पलट जाने की वजह से ऐसा हादसा हुआ.
इन वजहों से पटरी से उतर जाती है ट्रेन
ट्रेन के पटरी से उतरने की एक नहीं, बल्कि कई वजहें होती हैं. किसी ट्रेन का पटरी से उतरने का सबसे मुख्य कारण रेलवे ट्रैक पर मैकेनिकल फॉल्ट यानी रेलवे ट्रैक पर लगने वाले उपकरण का खराब हो जाने को माना जाता है. इसके अलावा ये हादसे उस वक्त होते हैं, जब पटरियों पर दरार पड़ जाती हैं. वहीं ट्रेन के डिब्बों को बांध कर रखने वाले उपकरण का ढीला होना भी इसका एक प्रमुख कारण हो सकता है.
इसके अलावा एक्सेल जिस पर ट्रेन की बोगी रखी होती है, उसका टूटना भी ट्रेन के डीरेल होने की एक वजह हो सकता है. वहीं लगातार चलते रहने के कारण ट्रेन की पटरियों से पहियों का घिस जाना भी ट्रेन के पटरी से उतरने की वजह बन सकता है. साथ ही गर्मी के मौसम में पटरियों के स्ट्रक्चर में कई बार बदलाव देखे जाते हैं. इसके अलावा तेज चलती ट्रेन को तेज स्पीड से मोड़ना या फिर ब्रेक लगा देना भी ट्रेन को पटरी से उतार सकता है. इन्हीं हादसों को रोकने के लिए रेलवे पटरियों पर लगातार मरम्मत कार्य चलाता रहता है, ताकि थोड़ी भी गड़बड़ी होने पर उन्हें तुरंत ठीक किया जा सके.