Railway Ticket : अक्सर जब भी आप ट्रेन में यात्रा करते हैं तो आपका टिकट चेक किया जाता है. जब आप ट्रेन में सफर करते रहते हैं तो रेलवे के एक कर्मचारी आपकी टिकट चेक करते हैं, जिन्हें कई लोग टीसी या कई लोग टीटीई बोलते हैं. आपको लगता होगा कि टीटीई और टीसी एक ही बात है, इसलिए इस पर कोई गौर भी नहीं करता है, मगर ऐसा नहीं है. दरअसल, ये दोनों अलग-अलग पद हैं और इन पर नियुक्त व्यक्ति का काम भी अलग-अलग होता है. 


वैसे दोनों का काम तो टिकट चेक करना ही होता है, लेकिन उसमें भी अंतर है. अब सवाल है कि आखिर फिर दोनों में अंतर क्या होता है, तो जानते हैं इस सवाल का जवाब और उनके काम से जुड़ी ये खास बात...


टीसी क्या होता है ?


बता दें कि टीटीई और टीसी का काम लगभग एक जैसा ही होता है. टीसी और टीटीई दोनों ही टिकट चेक करते हैं, लेकिन दोनों का कार्य क्षेत्र अलग होता है. जिस तरह टीटीई ट्रेन में यात्रा के दौरान टिकट चेक करते हैं तो वहीं टीसी प्लेटफॉर्म पर टिकट चेक कर करते हैं. इनका काम ज्यादातर ग्राउंड परहोकर टिकट चेक करने का होता है. जैसे ये कई बार प्लेटफॉर्म पर टिकट चेक करते पाए जाते हैं, जबकि कई बार ये गेट पर खड़े होकर टिकट चेक करते हैं. 


टीटीई क्या होता है ? 


ट्रेन में यात्रा के दौरान जो भी रेलवे कर्मचारी यात्रियों की टिकट चेक करते हैं, उन्हें टीटीई कहा जाता है. टीटीई का काम होता है टिकट चेक करना, आईडी देखना, यात्रियों को सीट मिली है या नहीं या फिर यात्रियों को कोई दिक्कत तो नहीं है आदि. संक्षिप्त में कहा जाए तो टीटीई ट्रेन में यात्रा के दौरान उनका मैनेजमेंट देखते हैं. टीटीई का सफर के दौरान का है. 


रात को 10 बजे के बाद टीटीई क्यों नहीं कर सकता टिकट चेक ? 


कई बार TTE देर रात में आपको जागकर टिकट या आईडी दिखाने के लिए कहता है. आपको बता दें, नियमों के अनुसार रात 10 बजे के बाद TTE भी आपको डिस्टर्ब नहीं कर सकता है. टीटीई को सुबह 6 से रात 10 बजे के बीच ही टिकटों की चेकिंग कर सकता है और यह गाइडलाइन रेलवे बोर्ड द्वारा दी गई है. इस वक्त में उन लोगों की टिकट चेक की जा सकती है, जिन्होंने उस समय में किसी स्टेशन से यात्रा शुरू की है.  


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