भारतीय रेलवे हर वर्ग के लोगों की यात्रा के लिए तैयार करता है और यात्रियों की जर्नी सुगम हो, इसके लिए भी कई कदम उठाए जाते हैं. रेलवे ने ना सिर्फ नेटवर्क में विस्तार किया है, बल्कि ट्रेन के कोच को भी काफी लग्जरी और आरामदायक बनाने का काम किया है. अब ट्रेनों में कई तरह के कोच हैं, जो अपनी यात्रा को काफी मजेदार बनाते हैं. इसी क्रम में एक बदलाव रेलवे की ओर से ट्रेन कोच को लेकर भी किया है, जिनमें अब पहले के मुकाबले बड़ी खिड़कियां लगाई गई है. ऐसे में सवाल है कि आखिर रेलवे की ओर से खिड़कियां बड़ी की जाने की वजह क्या है...


बता दें कि बड़ी विंडो विस्टाडोम और एलएचबी कोच में लगाई गई हैं. इसके अलावा इन कोच में स्क्रूलैस मॉड्यूलर इंटीरियर लगाया गया है और इन खिड़कियों में भी पीवीबी फिल्म लगाए गए हैं. साथ ही इन खिड़कियों के ऊपर हीट इंसुलेशन के लिए खास तरह की शीट भी लगाई गई हैं. इसके साथ ही कोच की खिड़कियों को भी पहले से काफी बड़ा किया गया है. आपको बता दें कि एक कोच में 12 फिक्स्ड विंडो, 4 इमरजेंसी ओपनेबल विंडो और हॉपर टाइप 3 विंडो होती है. 


क्यों लगाई गई है बड़ी विंडो?


बता दें कि रेलवे ने किसी टेक्निकल कारणों की वजह से खिड़की के साइज को बढ़ाया नहीं है. दरअसल, यात्रियों के जर्नी एक्सपीरियंस को अच्छा करने के लिए ये कदम उठाया गया है. रेलवे की ओर से दी गई आधिकारिक जानकारी के हिसाब से ट्रेन के कोच की विंडो की साइज यात्रियों को पैनोरेमिक व्यू देने के लिए बढ़ाई गई है. जैसे कि विस्टाडोम कोच में आपने देखा होगा कि काफी ज्यादा बड़े कांच है, लेकिन अब सामान्य कोच में भी साइज को बढ़ा दिया गया है. बता दें कि एलएचबी कोच में भी अब खिड़कियों की साइज 1100 mm (L) x 680 mm (H) हो गई है. 


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