स्लीपर के लिए SL है और थर्ड AC डिब्बे के लिए B1 या B2... फिर M1 कौनसा डिब्बा होता है?
Indian Railway Trains: भारतीय ट्रेनों के हर कोच के हिसाब से उनके अलग कोड होते है. क्या आप जानते हैं कि ट्रेन में M कोड किस डिब्बे के लिए होते हैं और टिकट में ये लिखा आए तो आपको कहां बैठना होगा.
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जब भी आप ट्रेन में सफर के लिए टिकट करवाते हैं तो आपको एक सीट नंबर मिलता है. सीट नंबर में यह जानकारी होती है कि आपको ट्रेन में किस कोच में कितने नंबर की सीट पर बैठना है. जैसे स्लीपर कोच की टिकट करवाई है तो सीट नंबर पर S लिखा होता है और अगर टिकट में B1 या B2 जैसा कुछ लिखा है तो इसका मतलब है कि आपकी थर्ड एसी की टिकट है. आप सीट नंबर से पता लगा सकते हैं कि आपकी यात्रा किस सीट पर बैठकर होगी. लेकिन, कुछ टिकटों पर तो M लिखा होता है, तो लोग कंफ्यूज हो जाते हैं कि आखिर उन्हें किस क्लास के कोच में बैठना होगा.
ऐसे में आज हम आपको बताते हैं कि M कोड किस कोच के लिए होता है और ये थर्ड एसी, सेकेंड एसी या फर्स्ट एसी के अलावा कौनसे डिब्बे होते हैं. जानिए इससे जुड़ी हर एक बात...
किसका क्या मतलब होता है?
पहले आपको बताते हैं कि ट्रेन के अलग-अलग कोच के कोड क्या हैं और इसके बाद M के बारे में बात करते हैं.
A का मतलब है टिकट सेकेंड एसी क्लास कोच की है.
B का मतलब है टिकट थर्ड एसी क्लास कोच की है.
H का मतलब है टिकट फर्स्ट एसी क्लास कोच की है.
S का मतलब है कि टिकट स्लीपल क्लास कोच की है.
D का मतलब है कि टिकट सेकेंड सीटिंग क्लास कोच की है.
फिर M किस कोच के लिए हैं?
बता दें कि M कोड थर्ड एसी इकोनॉमी की रिप्रेजेंट करते हैं. अगर आपकी टिकट पर M लिखा है तो इसका मतलब है कि आपको थर्ड एसी एकोनॉमी में बैठना होगा. अब आप सोच रहे होंगे कि थर्ड एसी के अलावा ये कौनसा कोच है. वैसे आपको बता दें कि यह डिब्बे कुछ ही ट्रेन में जोड़े गए हैं, जिसमें सुविधाएं थर्ड एसी जैसी ही होती है, लेकिन थर्ड एसी से थोड़े अलग होते हैं. इन्हें थर्ड एसी से कम कंफर्टेंबल भी माना जा सकता है और इनका किराया भी थर्ड एसी के किराए से कम होता है.
कैसे होते हैं इकोनॉमी कोच?
अगर इकोनॉमी कोच की बात करें तो इसमें ज्यादा सीटें लगती हैं और इससे सीट की साइज और सीटों के बीच रखे गए खाली स्थान पर फर्क पड़ता है. रिपोर्ट्स के अनुसार, इसमें 83 बर्थ होते हैं, जबकि नॉर्मल कोच में 72 सीट ही होती है. ऐसे में 72 सीट के स्थान पर 83 सीट को एडजस्ट किया जाता है. यह स्लीपर से एक क्लास ऊपर और थर्ड एसी से एक क्लास नीचे वाले कोच होते हैं. हालांकि, इसमें एसी लगे होते हैं और वैसे थर्ड एसी से मिलते जुलते होते हैं.
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