भारत में लगभग सवा सौ करोड़ लोग रहते हैं. इनमें से ज्यादातर लोग लंबे सफर के लिए ट्रेन का इस्तेमाल करते हैं. लेकिन क्या कभी आपने महसूस किया है कि कुछ ट्रेन चलने से पहले एक झटका मारती हैं और फिर आगे बढ़ती हैं. ऐसा हर ट्रेनों के साथ नहीं होता, सिर्फ कुछ ट्रेनों के साथ ही ऐसा होता है. चलिए आपको बताते हैं कि आखिर इन ट्रेनों में ऐसा क्या खास है.


इन ट्रेनों में झटका कम लगता है


दरअसल, इस झटके के पीछे हैं ट्रेन के कोच. यानी कुछ खास तरह के कोच वाले ट्रेनों में ही हमें ये धक्का महसूस होता है. जिन कोच वाले ट्रेनों में आपको झटके ज्यादा महसूस होते हैं वो एलएचबी कोच होते हैं. इस तरह के कोच वाले ट्रेन इतना झटका इसलिए देते हैं क्योंकि इनके डिब्बे एक दूसरे से जहां जुड़े होते हैं वहां के कपलिंग्स का डिजाइन काफी पुराना है और ये इतना बेहतर नहीं है कि झटकों को वहीं रोक सके.


इनमें कम झटका लगता है


जो भी ट्रेन आईसीएफ कोच वाले होते हैं उनके कपलिंग्स में झटके को बर्दाश्त करने वाले सस्पेंशन लगे होते हैं. यही वजह है कि जब आईसीएफ कोच वाली ट्रेन चलती है तो आपको झटका ना के बराबर महसूस होता है. जिन्हें कपलिंग्स नहीं समझ आ रहे हैं, उनको बता दें कि ये गोल होते हैं और वहां लगे होते हैं जहां दो कोच आपस में जुड़ रहे होते हैं.


कुछ रोल न्यूटन के पहले नियम का भी होता है


इसमें एक रोल न्यूटन के पहले नियम का भी होता है. यानी जड़त्व के नियम का. दरअसल, जब आप ट्रेन में बैठे रहते हैं तो आपका शरीर स्थिर होता है, ऐसे में जब ट्रेन अचानक से चल जाती है तो आपका शरीर तो अपनी जगह ही रहता है लेकिन ट्रेन आगे की ओर बढ़ जाती है. ऐसे में आपको झटका महसूस होता है.


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