भारत में कोई भी अच्छी खबर हो अच्छा काम हो तुरंत मुंह मीठा करने की बात होती है. मुंह मीठा करने के लिए जो सबसे काॅमन मिठाई है वह है लड्डू. भारत में लड्डू की अलग दीवानगी है. अलग-अलग चीजों के लड्डू बनाए जाते हैं. मिठाई में लड्डू की खूब डिमांड रहती है. शादी त्योहारों में भी मेहमानों को देने के लिए लड्डू पहली पसंद होता है. लेकिन क्या आपने सोचा है लड्डू गोल क्यों होता है. लड्डू चौकोर क्यों नहीं होता. क्या है लड्डू की कहानी. क्या कभी हुआ है इसके आकार में बदलाव. आइए जानते हैं.
पहले छोटे होते थे
आज हम देखते हैं हमारे घरों में जो लड्डू बनाए जाते हैं वह गोल होते हैं काफी बड़े होते हैं. लेकिन पहले की बात की जाए तो लड्डू दवाई के रूप में इस्तेमाल होते थे. इसीलिए उनका आकार छोटा रखा जाता था. गुड, शहद,तिल अन्य चीजों को कूट करके उनका मिक्सर तैयार किया जाता था उससे लड्डू बनाया जाता था. तो कह सकते हैं समय के साथ-साथ लड्डू में आकर में थोड़ा सा बदलाव हुआ है. लेकिन लड्डू हमेशा से गोल ही रहा था.
काफी पुराना है इतिहास
लड्डुओं के इतिहास के बारे में बात की जाए तो यह काफी सदियों पुराना हैं. इतिहास के जानकार बताते हैं कि चौथी सदी में लड्डुओं का आविष्कार हुआ था. भारत के महान चिकित्सक सुश्रुत ने दुनिया के सामने यह चीज रखी थी. क्योंकि सुश्रुत एक चिकित्सक थे तो उन्होंने इसका इस्तेमाल एक दवाई के तौर पर किया था.
इसके साथ ही बताया यह भी जाता है कि चोल वंश में भी लड्डू काफी प्रचलित हुआ करते थे. लड़ाई को जाते वक्त सैनिक लड्डू का इस्तेमाल बतौर गुड लक करते थे. समय के साथ-साथ लड्डू में बदलाव हुआ पहले इसमें गुड का इस्तेमाल होता था. लेकिन बाद में चीनी का इस्तेमाल होने लगा.
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