Indian Railway: रेलवे आजकल आधुनिकता की ओर तेजी से बढ़ रहा है. स्टेशनों को मोडिफाई किया जा रहा है और सेमी हाईस्पीड ट्रेनें चलाई जा रही हैं. जब भी आप ट्रेन से सफर करते हैं तो रास्ते में कई पुल पड़ते हैं. इसी कड़ी में अब भारतीय रेलवे के पुलों की लिस्ट में पहला केबल वाला पुल भी शामिल हो चुका है. यह ब्रिज केबल के सहारे टिका है. जी हां, ये भारत रेलवे में पहला केबल ब्रिज है. आइए जानते हैं कैसा है ये ब्रिज.


देश का पहला केबल आधारित रेलवे ब्रिज


जम्मू-कश्मीर में देश का पहला केबल आधारित ब्रिज है. इस पुल को 96 केबल से सपोर्ट देकर तैयार किया गया है, जिन्हे फिक्स किया गया है. यह पुल अंजी नदी पर बना है, पुल का नजारा बेहद शानदार है. यह पुल 725 मीटर लंबा है और नदी के तल से करीब 331 मीटर ऊपर लटका हुआ है. भारतीय रेलवे के नजरिए यह पुल बहुत महत्वपूर्ण है. दरअसल, यह कश्मीर को देश से जोड़ने का काम करता है.


11 महीने में बनकर हुआ तैयार


इसका नाम अंजी खड्ड ब्रिज है, जो उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक परियोजना का हिस्सा है. अंजी नदी पार बने इस पुल को 11 माह के रिकॉर्ड समय में तैयार किया गया है. यह सुरंग टी-2, कटड़ा और सुरंग टी-3, रियासी छोर को जोड़ने का काम करता है. अंजी चेनाब की एक सहायक नदी है, जिसके ऊपर यह ब्रिज बना है. 


एफिल टॉवर से भी अधिक ऊंचा है


725 मीटर लंबे इस पुल का 473 मीटर का हिस्सा केबल के सहारे हवा में लटका हुआ है. इसमें 193 मीटर लंबा सिर्फ एक पिलर है. आपको जानकर हैरानी होगी कि यह पुल एफिल टावर से भी ऊंचा है, जहां एफिल टॉवर की ऊंचाई 330 मीटर है वही इस पुल की नदी के तल से लेकर पिलर तक की ऊंचाई 331 मीटर है.


पहले बनना था आर्च ब्रिज


पहले इसे भी चेनाब ब्रिज की ही आर्च ब्रिज के रूप में बनाया जाना तय हुआ था. लेकिन बाद में 2016 में इसे केबल वाला पुल बनाना तय हुआ. रेलवे के मुताबिक, यह पुल 213 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली हवा को भी झेल सकता है. इसपर ट्रेन 100 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ सकती है. 


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