(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
भारत में इस जगह के लोग खुद को मानते हैं सिकंदर के वंशज, कारण जानकर हो जाएगा यकीन
भारत के कई ऐसे गांव हैं जिन्हें रहस्यमयी माना जाता है, आज हम आपको एक ऐसे ही गांव के बारे में बताने जा रहे हैं जहां के लोग खुद को सिकंदर का वंशज मानते हैं.
यूनान के महान राजा सिकंदर को भला कौन नहीं जानता, दुनिया जीतने वाले सिकंदर की महानता के ऐसे कई किस्से हैं जो सदियों बाद भी लोगों को याद हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि आज के समय में सिकंदर के वंशज कहां रहते हैं? दरअसल हम आपको एक ऐसे गांव के बारे में बताने जा रहे हैं जहां के लोग खुद को सिकंदर का वंशज मानते हैं. इस गांव में बाहर से यदि कोई व्यक्ति जााता है तो उसे कोई भी चीज छूने की मनाही होती है. यदि फिर भी कोई व्यक्ति कोई चीज छू लेता है तो उसपर 1000 से लेकर 2,500 तक का जुर्माना लग सकता है, लेकिन ऐसा क्यों? चलिए जानते हैं.
इस गांव के लोग खुद को मानते हैं सिकंदर का वंशज
दरअसल हम हिमाचल प्रदेश के गांव मलाणा की बा कर रहे हैं. हिमालय की चोटियों की बीच बसा हुआ ये गांव चारों ओर से गहरी खाइयों और बर्फीले पहाड़ों से घिरा हुआ है. लगभग 1700 लोगों की आबादी का ये गांव सैलानियों के बीच भी खूब मशहूर है. खास बात ये है कि यहां के लोगों को कहना है कि वो यूनान के मशहूर राजा सिकंदर के वंशज हैं.
ऐसा माना जाता है कि सिकंदर ने जब हिंदुस्तान पर हमला किया था, तो उसके कुछ सैनिकों ने मलाणा गांव में ही पनाह ली थी, इसके बाद वो यहीं बस गए. यहां के लोग सिकंदर के उन्हीं सैनिकों के वंशज कहलाते हैं. हालांकि, इसमें कितनी सच्चाई है इसका खुलासा अबतक नहीं हो सका है.
गांव में हैं सिकंदर के जमाने का सामान
हालांकि यहां जाने वाले लोग ये देखकर हैरान रह जाते हैं कि मलाणा गांव में अब भी सिकंदर के जमाने का समान रखा हुआ है. सिकंदर के जमाने की एक तलवार भी इस गांव के एक मंदिर में रखी मिली है. यहां के लोग कनाशी नाम की भाषा बोलते हैं जो बेहद ही रहस्यमय है, ये भाषा इस गांव के अलावा कहीं ओर नहीं बोली जाती, लेकिन ये लोग इसे एक पवित्र भाषा मानते हैं. इसे लेकर कई देशों में शोध भी हो रहे हैं.
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