नीली आंखों वाले इन लोगों को देखते ही लगता है डर, क्या है इसकी वजह?
बुटॉन आईलैंड पर रहने वाली बुटॉन जनजाति के लोगों को एक दुर्लभ जेनेटिक डिसऑर्डर है. इसका नाम है वारडेनबर्ग सिंड्रोम. इस सिंड्रोम के कारण इन लोगों की आंखों का रंग नीला होता है.
आपने नीली आंखों वाले इंसानों के बारे में तो सुना ही होगा. कई बार नीली आंखों वाले लोग हमें खुद की तरफ आकर्षित करते हैं, लेकिन रात के अंधेरे में इन्हें देखकर आप डर भी सकते हैं. वैसे तो किसी की भी नीली आंखें होना एक दुर्लभ मामला है क्योंकि एक स्टडी के मुताबिक, 42 हजार लोगों में एक व्यक्ति की आंख नीली होती है. हालांकि, दुनिया में एक ऐसा गांव भी है, जहां हर किसी की आंखें का रंग नीला है.
इंडोनेशिया के बुटॉन आईलैंड पर रहने वाली बुटॉन जनजाति के लोगों में ज्यादातर की आंख नीली है. इन्हें देखकर आप डर सकते हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन लोगों की आंखों का रंग प्राकृतिक है और जन्म से ही ऐसा है. हालांकि, बड़ा सवाल यह है कि अगर नीली आंखें होना इतना ही दुर्लभ है, तो इस गांव के हर शख्स की आंख नीली क्यों है?
जेनेटिक डिसऑर्डर के कारण नीली हैं आंखें
बुटॉन आईलैंड पर रहने वाली बुटॉन जनजाति के लोगों को एक दुर्लभ जेनेटिक डिसऑर्डर है. इसका नाम है वारडेनबर्ग सिंड्रोम. इस सिंड्रोम के कारण इन लोगों की आंखों का रंग नीला होता है. एक रिसर्च के मुताबिक, यह सिंड्रोम एक म्यूटेशन की वजह से होता है, जो गर्भावस्था के दौरान ही हो जाता है. डॉक्टर्स का कहना है कि इस सिंड्रोम के कारण बचपन में आंखें नीली होती हैं. हालांकि, कई लोगों की एक आंख नीली या एक आंख भूरी भी हो सकती है. इस सिंड्रोम के कारण शरीर में कई परेशानी हो सकती हैं, जिनमें सुनने में परेशानी या पिगमेंटेशन शामिल है.
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एक ही शख्स के वंशज
नीली आंखों वाले लोगों के बारे में एक रिसर्च सामने आई थी, जिसमें दावा किया गया था कि ऐसे लोग एक ही शख्स के वंशज हैं. दरअसल, स्टडी में कहा गया था, जिस जीन म्यूटेशन की वजह से आंखें नीली होती हैं, वह करीब 6 से 10 हजार साल पहले हुआ था. स्टडी में कहा गया है कि आज जीवित हर नीली आंखों वाले व्यक्ति में यही म्यूटेशन हुआ है और सभी नीली आंखों वाले लोग इसी व्यक्ति के वंशज हैं.
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