लोकसभा चुनाव से पहले कई राजनीतिक पार्टियों में फेरबदल देखने को मिल सकता है. इसकी शुरूआत उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को अपना उत्तराधिकारी घोषित करके किया है. लोकसभा चुनाव से पहले मायावती की तरफ से इस घोषणा का काफी अहम माना जा रहा है.


बता दें बसपा प्रमुख मायावती ने साल 2017 में यूपी विधानसभा चुनाव हारने के बाद आकाश आनंद को जनता के सामने पेश किया था. आकाश पिछले कई सालों से पार्टी में एक्टिव थे और यूथ को जोड़ने के लिए आकाश ने हाल में हुए तीन राज्यों के विधासनभा चुनाव की जिम्मेदारी संभाली थी. बता दें कि किसी भी पार्टी में सभी सदस्यों की सहमति के बाद ही अध्यक्ष द्वारा उस पार्टी के उत्तराधिकारी को चुना जाता है. 


कौन है आकाश आनंद


आकाश आनंद मायावती के छोटे भाई आनंद कुमार के बेटे हैं. आकाश ने ब्रिटेन से एमबीए की पढ़ाई पूरी की है.बता दें कि साल 2019 में पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक बनाए जाने के बाद से ही आकाश आनंद को बीएसपी सुप्रीमो के उत्तराधिकारी के तौर पर तैयार किया जाने लगा था.


कैसे चुना जाता है राजनीतिक उत्तराधिकारी ? 


किसी भी राजनीतिक पार्टी प्रमुख के पास अधिकार होता है कि वह पार्टी में किसी भी कार्यकर्ता को नियुक्त कर सकता है. पार्टी प्रमुख द्वारा किसी भी कार्यकर्ता को जब उत्तराधिकारी घोषित किया जाता है, उससे पहले पार्टी प्रमुख और मुख्य कार्यकारिणी सदस्यों की बैठक होती है. बैठक के दौरान सभी मुख्य कार्यकारिणी सदस्य पार्टी हित को देखते हुए फैसला लेते है कि किस व्यक्ति को पार्टी का कौन सा पद दिया जाना है. मुख्य कार्यकारिणी सदस्यों द्वारा सबसे ज्यादा वोट जिस व्यक्ति को मिलता है, उसे व्यक्ति को उत्तराधिकारी चुना जाता है. उत्तराधिकारी का पद मिलने के साथ ही उस व्यक्ति को सभी अधिकार भी प्राप्त होते है. 


आम परिवारों में उत्तराधिकारी के अधिकार


परिवार का मुखिया अपने उत्तराधिकारी को चुनता है. मुखिया द्वारा उत्तराधिकारी का नाम घोषित करने के मुखिया स्वयं या वकील सभी जरूरी दस्तावेजों के साथ उसे कोर्ट में प्रस्तुत करता है. जिससे भविष्य में मुखिया के गैरमौजूदगी में भी कोई व्यक्ति गलत दावा ना कर सके. बता दें कि कानूनी उत्तराधिकारी वास्तव में कानून के मुताबिक मृत व्यक्ति की संपत्ति पर मालिकाना हक का दावा कर सकता है. इसमें मृत व्यक्ति के बैंक अकाउंट में जमा रकम, फिक्स्ड डिपॉजिट, शेयर, म्यूचुअल फंड और अन्य निवेश शामिल है. 


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