Injection Needle: हमारे दैनिक जीवन में ऐसी कई चीजें हैं जो हमारे अस्तित्व का अभिन्न अंग बन गई हैं. हम अक्सर उनके अस्तित्व के पीछे के कारणों पर सवाल उठाए बिना उन्हें हल्के में ले लेते हैं. उदाहरण के लिए ऐसी रोजमर्रा की वस्तुएं हैं जिनके नाम हम बचपन से जानते हैं, और हम शायद ही कभी उसकी उत्पत्ति के बारे में सोचते हैं. आज हम आपको एक ऐसी ही चीज के बारे में जानकारी देंगे. क्या आपने कभी सोचा है कि अगर इंजेक्शन की सुई टूट जाए और शरीर के अंदर ही रह जाए तो क्या होगा? क्या यह हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है? आइए जानते हैं.
इंजेक्शन की सुई किस धातु की बनी होती है?
इंजेक्शन की सुई आमतौर पर स्टेनलेस स्टील से बनी होती है, जिसे कार्बन स्टील भी कहा जाता है. हाइपोडर्मिक सुइयां आमतौर पर स्टेनलेस-स्टील या नाइओबियम ट्यूब से ट्यूब ड्राइंग नामक प्रक्रिया के माध्यम से बनाई जाती हैं, जहां सुई बनाने के लिए ट्यूब को छोटे डाई के माध्यम से खींचा जाता है. सुई के सिरे को एक नुकीला सिरा बनाने के लिए मोड़ा जाता है, जिससे सुई आसानी से त्वचा में प्रवेश कर जाती है.
कौन सा इंजेक्शन कहां लगाया जाता है?
अब आइए समझते हैं कि किस इंजेक्शन का कहां इस्तेमाल किया जाता है. इंट्रावेनस इंजेक्शन का इस्तेमाल नसों में सीधे मेडिसिन पहुंचाने के लिए किया जाता है. आपको बता दें, टिटनेस हो या फिर कोविड वैक्सीन ये सब इंट्रावेनस इंजेक्शन ही हैं, इसीलिए इन्हें हाथ में लगाया जाता है. वहीं दूसरी ओर इंट्रामस्क्युलर इंजेक्शन को मांसपेशियों वाले हिस्से में लगाते हैं. मांसपेशियों में इंजेक्शन लगाने से दवा सीधे खून में मिल जाती है और शरीर पर तेजी से असर करती है. यही वजह है कि इस तरह के इंजेक्शन को कूल्हों पर या फिर जांघ पर लगाया जाता है. ऐसे इंजेक्शन्स में ज्यादातर एंटीबायोटिक और स्टेरॉयड शामिल होते हैं.
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