पिछले साल (2021) के आंकड़े के मुताबिक भारतीय रेलवे डेली 1,512 स्पेशल ट्रेनें ( मेल, एक्सप्रेस, फेस्टिवल-स्पेशल ), 5,387 कम दूरी वाली सबअर्बन  ट्रेनें और 981 पैसेंजर ट्रेनों का संचालन प्रतिदिन करती है. सबअर्बन ट्रेन उन्हें कहा जाता है जिन्हे कम दूरी के लिए चलाया जाता है, और जिनकी रनिंग डिस्टेंस लगभग 150 km के आसपास तक की होती है.


भारतीय रेल नेटवर्क:


भारतीय रेल नेटवर्क को एशिया का सबसे बड़ा और विश्व का चौथा सबसे नेटवर्क कहा जाता. इसकी वजह है भारतीय रेल का पूरे देश में फैला लगभग 70,000 km रेलवे ट्रैक. जिस पर प्रतिदिन भारतीय ट्रेनें लगभग 1,00,000 km की दूरी तय करतीं हैं. वहीं इसमें अगर इसमें यार्ड और साइड के ट्रैक को भी मिला लिया जाये तो इसकी लम्बाई लगभग सवा लाख किलोमीटर के ऊपर है. 


देश की पहली मालवाहक और यात्री ट्रेन:


 1837 में रेड हिल्स से चिंताद्रिपेट पुल तक (25 किलोमीटर) ग्रेनाइट ढोने वाली रेड हिल्स ट्रेन ही भारत की पहली ट्रेन थी. इसका श्रेय सर आर्थर कॉटन को दिया गया था, और यात्रियों को ले जाने वाली पहली ट्रेन 16 अप्रैल 1853 को बोरी-बंदर मुंबई (अब मुंबई) से ठाणे के बीच लिए चलायी गयी थी. इस ट्रेन की पहली यात्रा करने वाले 400 यात्री थे. इस दिन को सार्वजनिक अवकाश रखा गया था. 8 मई 1845 से शुरू हुआ, लगभग 170 साल पुराना भारतीय रेलवे आज भी परिवहन का सबसे सस्ता और सुरक्षित होने की साथ-साथ प्रतिदिन लगभग  2.5 करोड़ (ढाई करोड़) लोगों की यात्रा का जरिया है.


देश का सबसे लम्बा ट्रेन रूट:


डिब्रूगढ़ और कन्याकुमारी से चलते हुए, 57 ट्रेन स्टेशन से गुजरते हुए, 82 घंटे 30 मिनट की यात्रा करते हुए, 4,286 किमी की दूरी तय करने वाली विवेक एक्सप्रेस की इस यात्रा को न केवल भारत की वल्कि पूरे भारतीय उपमहाद्वीप की सबसे लंबी यात्रा माना जाता है.


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