हमारे चारों ओर हवा रहती है. कभी यह बहुत धीमी रफ्तार से बहती है तो कभी आंधी-तूफान के रूप में बहुत तेज रफ्तार से चलती है. आपने अनुभव किया होगा कि हवा की रफ्तार और दिशा आदि समय-समय पर बदलती रहती है. लेकिन क्या कभी आपने यह सोचा है कि आखिर ये हवा चलती क्यों है और कैसे इसकी दिशा कुछ ही सेकंड्स में बदल जाती है? आज हम आपको इसी बारे में बताने वाले हैं.
क्या है हवा?
पृथ्वी चारों ओर से गैस के अणुओं की परतों से घिरी है, जिसे वायुमंडल कहते हैं. पृथ्वी की सतह से लगभग 320 किमी ऊंचाई तक वायुमंडल है. जिसमें कई तरह की गैसों के अणु मौजूद हैं, जिसमें सबसे ज्यादा नाइट्रोजन, उसके बाद ऑक्सीजन और फिर अन्य गैसे शामिल होती हैं. बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, वायुमंडल में मौजूद गैस के यही अणु जब गति पकड़ते हैं तो उसे हवा कहा जाता है. आइए अब जानते हैं कि हवा को स्पीड कौन देता है.
ऐसे चलती है हवा
सूर्य से आने वाली किरणों से पृथ्वी की सतह गर्म होती है. इसका असर वायुमंडल पर भी पड़ता है, वह भी गर्म होता है. जहां सूर्य की किरणें सीधी पड़ती हैं वो ज्यादा गर्म होते हैं और जिन हिस्सों पर किरणें तिरछी पड़ती हैं वो अपेक्षाकृत थोड़े ठंडे रहते हैं. पृथ्वी की सतह के गर्म होने से इसके संपर्क में आने वाली हवा भी गर्म हो जाती है. ठंडी हवा की अपेक्षा गर्म हवा हल्की होती है, इसलिए यह ऊपर उठती रहती है और इसकी जगह लेने के लिए ठंडी हवा नीचे आती रहती है. इस प्रकार तापमान के आधार पर हवा चलती रहती है.
हवा की दिशा
हवा का गुण होता है कि यह हमेशा उच्च दबाव क्षेत्र से निम्न दबाव क्षेत्र की ओर चलती है. साथ ही धरती के रोटेशन, मौसमी प्रेशर और गर्मी की वजह से हवा का रूख बदलता रहता है. धरती के रेटोशन के आधार पर प्रेशर और हीट के साथ मिलकर हवा अपना रूख बदलती रहती है, जिससे इसकी दिशा बदलती रहती है. हवाएं भी कई प्रकार की होती है और मौसम आदि पर इनका प्रभाव पड़ता है. मौसम में होने वाले अधिकतर परिवर्तन की वजह हवा ही होती है. इसलिए मौसम विभाग के लोग लगातार हवाओं के प्रेशर आदि पर नजर रखते हैं और मौसम का अनुमान बताते हैं.
यह भी पढ़ें - क्या आप आग को देखकर उसका तापमान बता सकते हैं? इस ट्रिक से 2 सेकंड में लग जायेगा पता