हर साल 5 जुलाई के दिन इंटरनेशनल बिकनी डे मनाया जाता है. आपने देखा होगा कि समुद्र किनारे बिकनी पहनकर सैर करने का फैशन सबसे ज्यादा टेंड्र कर रहा है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि बिकनी की शुरूआत कब और कैसे हुई थी. आज हम आपको बताएंगे कि बिकनी का आविष्कार किसने किया था.


बिकनी


आज के मौजूदा दौर में समुद्र किनारे अधिकांश फीमेल बिकनी पहनना पसंद करती हैं. क्या आप जानते हैं कि आखिर बिकनी का आविष्कार किसने और क्यों किया था. जानकारी के मुताबिक 5 जुलाई 1946 के समय पहली बार बिकनी बनाया गया था. 5 जुलाई के दिन बिकनी का आविष्कार हुआ था, इसलिए इस दिन इंटरनेशनल बिकनी डे के रूप में मनाया जाता है. दुनियाभर में बिकनी को महिलाओं की स्वतंत्रता और आजादी से जोड़कर देखा जाता है.


किसने बनाई थी बिकनी


जानकारी के मुताबिक फ्रांसीसी डिजाइनर लुइस रेर्ड ने सबसे पहले बिकनी को डिजाइन किया था. हालांकि उनके डिजाइन के बाद भी बिकनी पहनने के लिए सभी मॉडल्स ने इनकार कर दिया था. उस दौरान न्यूड डांसर मिशेलिनी बर्नार्डिनी ने सबसे पहले इसको पहना था.


क्यों पड़ा बिकनी नाम


बिकनी का बिकनी नाम रखने के पीछे भी एक दिलचस्प वजह है. दरअसल जिस जगह पर बिकनी को बनाया गया था, वो जगह प्रशांत महासागर में बिकनी अटोल था. बता दें कि इस जगह को अमेरिका न्यूक्लियर बम टेस्ट के लिए इस्तेमाल करता था. जानकारी के मुताबिक बिकनी को लॉन्च करने के 4 दिन पहले ही बिकनी अटोल में न्यूक्लियर बम की टेस्टिंग की गई थी. यही कारण है कि टू पीस इस कपड़े को बिकनी नाम दिया गया था.


जानकारी के मुताबिक शुरूआती दिनों में कोई भी लड़की बिकनी पहनने को तैयार नहीं हुई थी. लेकिन डांसर मिशेलिनी बर्नार्डिनी के बिकनी पहनकर विज्ञापन करने के बाद ये टू पीस पूरी दुनिया में धीरे-धीरे फेमस हो गया था. हालांकि ये भी सच है कि बिकनी बाजार में आने के बाद कई देशों ने इस पर बैन लगा दिया था. इन देशों में अमेरिका, इटली और स्पेन भी शामिल थे. लेकिन बाद में इस टू पीस को महिलाओं की स्वतंत्रता और आजादी से जोड़कर देखा गया था, जिस कारण इससे बैन हटा दिया गया था. 4 साल के बाद जब बिकनी से बैन हटा तो 1950 के आस-पास सबसे ज्यादा डिमांड स्पेन और इटली समेत बाकी देशों में हुई थी. इसके बाद इसकी लोकप्रियता बढ़ती चली गई, और इतने सालों बाद भी बिकनी का क्रेज कम नहीं हुआ है. अधिकांश देशों में महिलाएं बिकनी पहनना पसंद करती है.   


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