Arrest warrant against Vladimir Putin: यूक्रेन में हुए युद्ध अपराधों के लिए इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (ICC) ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ अरेस्ट वॉरंट जारी किया है. इस वॉरंट में पुतिन को बच्चों के अपहरण और उन्हें डिपोर्ट करने के लिए जिम्मेदार बताया गया गया है. वहीं, दूसरी ओर रूस ने इन आरोपों का खारिज किया है और गिरफ्तारी वॉरंट की तुलना टॉयलेट पेपर से की है. इस वॉरंट पर यूक्रेन की तरफ से कहा गया है कि यह तो सिर्फ शुरुआत है. पुतिन के लिए अभी और भी मुश्किलें बढ़ने वाली हैं.


पुतिन पर लगे हैं ये आरोप


इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट के बयान में कहा गया है कि रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने जंग के दौरान कई तरह के अपराध किए हैं. उन्होंने गैर-कानूनी तरीके से बच्चों को यूक्रेन से रूस भेजा. संयुक्त राष्ट्र जांच आयोग की रिपोर्ट का हवाला देते हुए बीबीसी की रिपोर्ट में बताया गया है कि जंग के दौरान कुछ बच्चों को रूसी नागरिकता स्वीकार करने के लिए मजबूर किया गया था. जिस वजह से उन्हें रूस में स्थायी तौर पर रहना पड़ा. करीब 16,221 बच्चों को जबरदस्ती रूस भेजा गया. इस तरह के काम ने अंतरराष्ट्रीय मानवता कानून को तोड़ा है. संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार, रूसी लोगों पर बलात्कार और यातना के अलावा यूक्रेन के एनर्जी इंफ्रास्ट्रक्चर को क्षतिग्रस्त करने का भी आरोप लगा है.


क्या है ICC?


इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट दुनिया का पहला अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय है. यह चार तरह के मामलों की सुनवाई करता है. जिसमें पहला है नरसंहार का अपराध, मानवता के खिलाफ अपराध, आक्रामकता के अपराध और युद्ध अपराध. इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट में सिर्फ आरोपी के खिलाफ कार्रवाई होती है, न कि किसी देश या किसी समूह के खिलाफ. ICC का मुख्यालय नीदरलैंड के द हेग में स्थित है.


क्या पुतिन की गिरफ्तारी होगी?


ICC के पास अपना कोई पुलिस बल नहीं है, इसलिए यह किसी को गिरफ्तार नहीं कर सकता. कोर्ट गिरफ्तारी के लिए सिर्फ वॉरंट जारी कर सकता है, लेकिन गिरफ्तारी के लिए उसे दूसरे देशों पर निर्भर रहना पड़ता है. गिरफ्तारी दो स्थितियों में होती है, पहली पुतिन को सौंपा जाए या फिर रूस से बाहर किसी दूसरे देश से गिरफ्तार कर लिया जाए. पुतिन की गिरफ्तारी के किए आईसीसी अपने सदस्य देशों पर दबाव बना सकती हैं. इससे पुतिन की विदेश यात्रा पर असर पड़ सकता है.


कितनी मुश्किल है गिरफ्तारी?


पुतिन की गिरफ्तारी में सबसे बड़ी मुश्किल यह है कि रूस ICC का सदस्य नहीं है. वहीं, पुतिन पर लगे आरोपों से रूस ने साफ इंकार किया है. रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया ज़खारोवा ने कहा है कि रूस ICC के रोम कानून का सदस्य नहीं है. इसलिए उसकी कोई जिम्मेदारी नहीं बनती है और वो इस कोर्ट को सपोर्ट नहीं करता है. ICC की ओर से जारी किया गया गिरफ्तारी वारंट हमारे लिए कानूनी रूप से शून्य है.


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