आज अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस है और आज मजदूर हक की बात हो रही है. लेकिन, ऊंची-ऊंची बिल्डिंग में और बड़ी-बड़ी कंपनियों में अभी भी शोषण किया जा रहा है. कभी किसी की सैलरी रोक दी जाती है तो कभी किसी को शिफ्ट टाइमिंग से ज्यादा समय तक काम करवाया जाता है. कंपनियों के कई नियमों की वजह से कर्मचारी काफी परेशान हैं. अगर आप भी कंपनी के इस तरह के रवैये से परेशान हैं तो आपको बताते हैं कि आखिर कानून के हिसाब से क्या नियम हैं और ऐसी स्थिति में आप क्या कर सकते हैं. तो मजदूर दिवस के मौके पर जानिए कर्मचारियों के कुछ अधिकारों के बारे में...


कोई कर्मचारी नोटिस पीरियड सर्व ना करे तो...


अक्सर कर्मचारियों पर नोटिस पीरियड पूरा करने का दबाव बनाया जाता है और पूरा ना होने पर कानूनी कार्रवाई करने की धमकी जाती है. हालांकि, दिल्ली हाईकोर्ट के एडवोकेट प्रेम जोशी का कहना है कि इस मामले में कंपनी कुछ भी नहीं कर सकती है. एडवोकेट जोशी का कहना है, 'अगर कर्मचारी नोटिस पीरियड पूरा नहीं करता है तो उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती है. हालांकि, अगर कर्मचारी ने किसी बांड या समझौते पर साइन किए हैं तो कुछ मामलों में उसके खिलाफ नुकसान की वसूली और क्षति के लिए मुकदमा दायर किया जा सकता है.


अगर सैलरी ना दे तो...


अगर कोई कंपनी किसी कर्मचारी की सैलरी रोक लेती है या सैलरी देने से मना कर देती है तो इसकी शिकायत की जा सकती है. अगर कर्मचारी ने काम किया है तो उसे तय सैलरी हासिल करने का अधिकार है. अगर कंपनी सैलरी नहीं देती है तो कर्मचारी राज्य सरकार के लेबर कोर्ट या जिला कोर्ट में सीधे शिकायत कर सकता है. 


अगर शिफ्ट से ज्यादा काम करवाए तो...


अगर कर्मचारी से तय शिफ्ट से ज्यादा काम करवाया जाता है तो कर्मचारी का अधिकार है कि वो इसकी शिकायत कर सकता है. ऐसे में कर्मचारी लैबर कोर्ट के इंस्पेक्टर या कमिश्नर से सीधे लिखित में शिकायत कर सकता है. 


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