सांप के जहर का इंटरनेशनल मार्केट, जानिए कैसे तस्कर कमाते हैं एक डील में करोड़ों रुपये
दुनिया में सांपों के जहर की तस्करी लगातार हो रही है. इन जहरों का इस्तेमाल अलग-अलग नशे में किया जा रहा है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि अंतरराष्ट्रीय मार्केट में सांप के जहर की कीमत करोड़ों रुपये है.
दुनिया में सांपों के जहर से नशा करने का मामला आज का नहीं है. देश के कई मेट्रो सिटी मुंबई, दिल्ली, चंडीगढ़, गुरुग्राम समेत अन्य शहरों में इस तरह के मामले सामने आ चुके हैं. इतना ही नहीं सांप के जहर की तस्करी विदेशों से होती है. आज हम आपको सांप के जहर की तस्करी से जुड़े कुछ रोचक तथ्य बताएंगे.
बता दें कि सांपों के जहर की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में करोड़ों की होती है. इतना ही नहीं इसकी तस्करी करने वाले तस्करों को इसमें मोटी रकम मिलती है. जानकारी के मुताबिक आदिवासी इलाकों से सांप के जहर को सपेरों से सस्ते दामों में खरीदा जाता है, जिसके बाद इसे बाजार में बेचा जाता है. एक खबर के मुताबिक एक घटना में एक किलो सांप के जहर के बदले सपेरों को 10 लाख रुपये दिए गए थे, जबकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में तस्करों ने इस सांप के जहर की कीमत एक करोड़ से ज्यादा की लगाई थी.
कुछ सांपों की कीमत करोड़ों तक
जहर के तस्करी का बाजार इतना बड़ा है कि इसकी कोई कीमत तय नहीं है. यही कारण है कि कई बार दुर्लभ सांप और डिमांड वाले सांपों के जहर की कीमत 2 से 5 करोड़ रुपये तक होती है. सपेरों के मुताबिक 1 लीटर सांप का जहर एकत्र करने के लिए करीब 200 सांपों का जहर निकालना पड़ता है.
500 करोड़ से ज्यादा का जहर बरामद
सांप के जहर की तस्करी खासकर बांग्लादेश-बंगाल बॉर्डर पर होती है. जानकारी के मुताबिक बीते 10 सालों में बीएसएफ ने 500 करोड़ से ज्यादा का सांप का जहर बरामद किया है. जानकारी के मुताबिक इस सांप के जहर का यूज ड्रग्स में किया जाता है. तस्कर इसे इस तरह से बोतल में पैक करते हैं, जैसे ये देखने में किसी परफ्यूम की बोतल की तरह लगता है. पूर्वी भारत में 'सिलीगुड़ी कॉरिडोर' वन्यजीव-मूल वस्तुओं और पशु शरीर के अंगों के तस्करों के लिए एक अड्डा बना हुआ है. अधिकारियों के मुताबिक यहां से अवैध तस्करी का 20 बिलियन डॉलर का वार्षिक व्यापार होता है, इसमें सांप का जहर भी शामिल है.
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