International Olympic Day 2024: आज यानी 23 जून का दुनियाभर में अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक दिवस मनाया जा रहा है. खेलों के महाकुंभ ओलंपिक के लिए आज का दिन बहुत खास है. ये दिन खेल, स्वास्थ्य और सबसे अच्छा होने का एक उत्सव है जिसमें दुनियाभर से लोग शामिल होते हैं. इस खास दिन दुनियाभर में अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि दुनियाभर में आज ही के दिन ओलंपिक दिवस क्यों मनाया जाता है और इसके पीछे का कारण क्या है? चलिए जान लेते हैं.


ओलंपिक दिवस है क्या?


बता दें कि आज ही के दिन यानी 23 जून 1894 में अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति की स्थापना की गई थी, ये दिन खेल, स्वास्थ्य और खुद को बेहतर बनाने का दिन है. इसमें दुनियाभर से कोई भी व्यक्ति भाग ले सकता है. ये दिन एक उत्सव की तरह मनाया जाता है.


क्या है ओलपिंक दिवस का इतिहास?


गौरतलब है कि चेक आईओसी के सदस्य डॉक्टर ग्रस ने स्टॉकहोम में अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के 41वें सत्र के दौरान विश्व ओलंपिक दिवस का विचार सभी के सामने रखा था, जिसमें ओलंपिक के संदेशों और मूल उद्देश्य को मनाने के लिए एक दिन निर्धारित करने के लिए कहा गया था. इसके ठीक कुछ महीनों बाद जनवरी 1948 में सेंट मोरित्ज में आईओसी के 42वें सत्र में इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई.


इसके बाद राष्ट्रीय ओलंपिक समितियों को इस कार्यक्रम के आयोजन का प्रभारी बना दिया गया. इसी दिन के बाद इस तारीख ने आईओसी के इतिहास में अपनी एक खास जगह दर्ज करवा ली. बता दें पहली बार ओलंपिक दिवस 23 जून 1948 को मनाया गया था. इस दौरान पुर्तगाल, ग्रीस, ऑस्ट्रिया, कनाडा, स्विट्जरलैंड, ग्रेट ब्रिटेन, उरुग्वे, वेनेजुएला और बेल्जियम ने अपने-अपने देशों में ये खास दिन आयोजित किया था.


इस दिन क्या-क्या करते हैं लोग?


ओलंपिक दिवस एक छोटी सी दौड़ तक सीमित नहीं रहा, बल्कि ये एक बहुत बड़ा आयोजन बन चुका है. इस दिन दुनियाभर की राष्ट्रीय ओलंपिक समितियां, 'आगे बढ़ो', 'सीखो' और 'खोजो' के तीन स्तंभों के आधार पर उम्र, लिंग, सामाजिक पृष्ठभूमि या खेल क्षमता की परवाह किए बिना अलग-अलग तरह की पहल करते हुए आगे बढ़ती हैं. कुछ देशों ने इन सभी चीजों को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल कर लिया है. ऐसे में बच्चे से लेकर बड़ा व्यक्ति तक ओलंपिक दिवस का हिस्सा बन सकता है.                               


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