International Space Station: दुनियाभर के देश अंतरिक्ष में मौजूद तमाम दूसरे ग्रहों पर जीवन की तलाश में जुटे हैं. इसके लिए अलग-अलग देशों की अंतरिक्ष एजेंसियां रिसर्च में जुटी हैं. इसके लिए पिछले कई सालों से एक इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन अंतरिक्ष में है, जहां अलग-अलग मौकों पर एस्ट्रोनॉट्स रहते हैं और अंतरिक्ष में मौजूद रहस्यों से पर्दा उठाने की कोशिश होती है. हम ये पूरी कहानी आपको इसलिए बता रहे हैं कि अब अमेरिकी एजेंसी नासा की तरफ से एक बड़ी चेतावनी दी गई है, जिसमें कहा गया है कि स्पेस स्टेशन धरती पर गिर सकता है. 


क्या है इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन?
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन को साल 1998 में अंतरिक्ष में भेजा गया था. करीब 20 देशों ने इसे मिलकर बनाया था. जिसमें रूस, अमेरिका, जापान और कनाडा जैसे देश शामिल हैं. अब तक 200 एस्ट्रोनॉट्स इसमें जा चुके हैं. इसे पहले 15 सालों के लिए भेजा गया, लेकिन अब तक ये काम कर रहा है. इसमें तमाम तरह के सुधारों के बाद कहा जा रहा था कि 2030 तक ये स्पेस स्टेशन काम कर सकता है, लेकिन अब जल्द इस स्पेस स्टेशन को धरती पर लाया जा सकता है. 


इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन धरती के निचले ऑर्बिट में है. ये धरती से करीब 410 किमी दूरी पर तैर रहा है. इसका वजन करीब 4 लाख 50 हजार किलो है, वहीं करीब एक किलोमीटर लंबा है. इसे बनाने में करीब 15 हजार करोड़ डॉलर खर्च हुआ है, इसीलिए इसे धरती की सबसे महंगी चीजों में गिना जाता है. 


क्यों धरती पर गिर सकता है स्पेस स्टेशन?
अंतरिक्ष में अगर कोई भी चीज तैर रही है तो उस पर धरती का गुरुत्वाकर्षण बल लगता है, जिससे वो नीचे खिंचती है. अब स्पेस स्टेशन की उम्र पूरी होने के बाद जब इसे नीचे उतारा जाएगा तो इस बात का सबसे ज्यादा खतरा है कि ये धरती पर तेजी से गिर जाए. इसीलिए इसे अब प्वाइंट नेमो पर उतारने की तैयारी हो रही है. जहां तमाम तरह की सैटेलाइट को ड्रॉप किया जाता है, जिससे किसी की जान को खतरा नहीं होता है. साइंटिस्ट्स के लिए प्वाइंट नेमो पर स्पेस स्टेशन की लैंडिंग बड़ी चुनौती होगी, ऐसा नहीं हुआ तो बड़ा नुकसान हो सकता है.


बताया जा रहा है कि नासा चाहता है कि स्पेस स्टेशन को कुछ और सालों तक स्पेस में रखा जाए, लेकिन इसकी मेंटेनेंस पर हजारों करोड़ रुपये का खर्चा आता है. वहीं अमेरिका ने भी बजट में कटौती की है. जिसके चलते अब इसे जल्द धरती पर उतारा जा सकता है.




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