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जमीन ही नहीं, आसमान में भी हो चुका योग, जानें कौन है दुनिया का पहला 'अंतरिक्ष योगी'?
भारत की देन योग जमीन ही नहीं बल्कि आसमान में भी किया जा चुका है, चलिए आज इस स्टोरी में जानेंगे कि दुनिया का पहला अंतरिक्ष योगी आखिर है कौन?
![जमीन ही नहीं, आसमान में भी हो चुका योग, जानें कौन है दुनिया का पहला 'अंतरिक्ष योगी'? International Yoga Day 2024 Yoga has been done also in the sky know who is the worlds first Space Yogi rakesh sharma जमीन ही नहीं, आसमान में भी हो चुका योग, जानें कौन है दुनिया का पहला 'अंतरिक्ष योगी'?](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/06/18/5ecce8efe2a25705dd78bf28f62839481718696215000742_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
International Yoga Day 2024: भारत में योग का जन्म हुआ, जो आज कई लोगों की जिंदगी का हिस्सा बन चुका है. दुनियाभर में भारत के योग को लोग मानते हैं, ऐसे में क्या आपको पता है योग जमीन ही नहीं बल्कि आसमान में भी किया जा चुका है. आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि पहले अंतरिक्ष योगी आखिर थे कौन?
ये थे पहली बार अंतरिक्ष में योग करने वाले व्यक्ति
अंतरिक्ष में योग करने वाले एकमात्र व्यक्ति कोई और नहीं बल्कि राकेश शर्मा हैं. अंतरिक्ष में जब भी भारत की पहली उड़ान की बात होती है तो राकेश शर्मा का नाम आना लाजिमी है. आज से 39 साल पहले उन्होंने साल 1984 को सोवियत संघ के अंतरिक्ष यान सोयुज टी-11 से अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरी थी. जहां पहुंचने के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने जब उनसे कॉल पर बात की थी कि अंतरिक्ष से भारत कैसा दिखता है तब उनके शब्द थे- सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा.
राकेश शर्मा भारत के पहले और दुनिया के 138वें अंतरिक्ष यात्री थे. राकेश शर्मा ने अंतरिक्ष में 7 दिन, 21 घंटे और 40 मिनट बिताए थे. आपको जानकर हैरानी होगी कि वो अपने साथ राजघाट की मिट्टी और महात्मा गांधी के समाधि स्थल की फोटो के अलावा पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानि जैल सिंह की तस्वीरें भी लेकर गए थे.
कैसा था अंतरिक्ष में योग का एक्सपीरियंस?
राकेश शर्मा पहले व्यक्ति थे जिन्होंने अंतरिक्ष में अनुशासित तरीके से योग किया था. उन्होंने वहां भी अपनी दिनचर्या को जारी रखा. इस दौरान गुरुत्वाकर्षण बले के बिना उन्हें योग करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा.
एनडीटीवी से बातचीत में एक बार उन्होंने बताया था कि योग ने हमें कुछ सबक सिखाए, क्योंकि अंतरिक्ष में योग करने का मतलब है कि आप इसे शून्य गुरुत्वाकर्षण में कर रहे हैं. जबकि पृथ्वी पर, जब आप योग कर रहे होते हैं, तो गुरुत्वाकर्षण बल होता है. इसलिए वहां उस गुरुत्वाकर्षण को दोहराने के लिए इलास्टिक डोरियों के साथ एक हार्नेस डिजाइन किया गया था. हालांकि वहां खुद को संतुलित करना भी थोड़ा मुश्किल है. ऐसे में उस समय यदि किसी प्रशिक्षित ने हमें योग करते देखा होता, तो वह काफी निराश होता. बता दें, राकेश शर्मा भारतीय वायुसेना के पूर्व पायलट भी रह चुके हैं.
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