2015 से लेकर अब तक योग दिवस पर कौन-कौन से रिकॉर्ड बने? यहां देखें पूरी लिस्ट
भारत ने दुनिया को योग करना सिखाया है. 21 जून के दिन पूरी दुनियाभर में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि अब तक योगा को लेकर कौन-कौन से रिकॉर्ड बने हैं.
दुनियाभर में 21 जून के दिन अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है. पूरी दुनिया को योग सीखाने का श्रेष्य भारत को जाता है. आज भी दुनियाभर के कई देशों से लोग योग सीखने के लिए भारत आते हैं. योग को लेकर भारत को विश्व गुरु कहा जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस में अब तक योग को लेकर कितने रिकॉर्ड बने हैं. आज हम आपको बताएंगे कि योग को लेकर कौन-कौन से रिकॉर्ड हैं.
गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड
बता दें कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के नाम पर चार गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड हैं. सिर्फ पिछले 10 वर्षों में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर भारत ने चार गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम बनाए हैं.
• पहला 2015 में 35,985 भारतीयों ने पीएम नरेंद्र मोदी के साथ राजपथ पर योग किया.
• वहीं दूसरे रिकॉर्ड में एक स्थान पर योग सत्र में कुल 84 देशों ने भाग लिया था.
• तीसरी बार 2015 कोटा में करीब 1.05 लाख लोगों ने एक साथ योगाभ्यास किया था.
• वहीं 2023 में मध्य प्रदेश के जबलपुर में आयोजित योग कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति की अगुवाई में दुनिया भर से लगभग 23.4 करोड़ लोगों ने भाग लिया था.
दुनिया को भारत ने सिखाया योग
दुनियाभर के सामने भारत योग के लिए विश्वगुरु है. भारत में योग की शुरूआत भारतीय संस्कृति के साथ ही जुड़ी हुई है. आज दुनिया इस बात को समझ रही है कि योग शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए जरूरी है. इतना ही नहीं योग करना शरीर को रोगमुक्त रखता है और मन को शांति प्रदान करता है.
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की शुरूआत
भारत में तो योग का संस्कृति के साथ जुड़ाव सालों पुराना है. लेकिन अब भारत के कारण दुनिया के अन्य देश भी योग की महत्वता को समझ रहे हैं. बता दें कि पहली बार 27 सितंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा था. इस प्रस्ताव को 177 देशों का समर्थन मिला था. उसी वर्ष 11 दिसंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इस प्रस्ताव को स्वीकृति देते हुए 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी.
जानकारी के मुताबिक योग दिवस मनाने के लिए 21 जून का ही दिन निर्धारित करने के पीछे एक खास वजह है. दरअसल 21 जून उत्तरी गोलार्ध में सबसे लंबा दिन होता है, जिसे ग्रीष्म संक्रांति कहते हैं. यह दिन साल का सबसे लंबा दिन मना जाता है. ग्रीष्म संक्रांति के बाद सूर्य दक्षिणायन में प्रवेश करता है, जिसे योग और अध्यात्म के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है. यही कारण है कि 21 जून को योग दिवस के रूप में मनाए जाने का फैसला लिया गया थी. वहीं इस साल योग दिवस की थीम महिलाओं पर आधारित है. अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2024 की थीम 'महिला सशक्तिकरण के लिए योग’ है.
ये भी पढ़ें: International Yoga Day 2024: पूरी दुनिया 9 साल से मना रही योग दिवस, लेकिन पाकिस्तान में अब हुई तैयारी, ऐसा क्यों?