क्या कभी ऐसा हो सकता है कि ट्रेन पटरी पर से फिसल जाए?... जानिए क्या है इसका जवाब
Railway: ट्रेन के पटरी से उतरने की कई वजहें हैं, जिसमें मुख्य हैं मैकेनिकल फॉल्ट या रेलवे ट्रैक पर लगने वाले उपकरण का खराब होना. ट्रेन के पटरी से न उतरने का कारण है घर्षण का बैलेंस होना.
Indian Railway: भारतीय रेलवे दुनिया के सबसे बड़े रेल नेटवर्क्स में से एक है. लगभग 68,103 किलोमीटर लंबे इस नेटवर्क में देश के कोने कोने में रेल की पटरियां बिछी हुई हैं. इनपर रोजाना 13,523 ट्रेनें चलती हैं. जिनमें धीमी रफ्तार वाली मालगाड़ियों सहित बहुत सारी सुपर फास्ट यात्री ट्रेनें भी शामिल हैं. रेल हमेशा पटरियों पर ही चलती है. इन छोटी-छोटी पटरियों पर ये ट्रेनें कई टन का भार लेकर तेज स्पीड से दौड़ती रहती हैं. लेकिन, क्या कभी आपने ये सोचा है कि इतने वजन और तेज स्पीड के साथ चलने वाली ट्रेन किस वजह से पटरी से नहीं उतरती है?…. आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि ट्रेन किस वजह से पटरी से उतर जाती है और पटरी का सिस्टम कैसे काम करता है?
क्यों उतर जाती है पटरी से ट्रेन?
पहले जान लेते हैं कि ट्रेन किस वजह से पटरी से उतर जाती है. ट्रेन के पटरी से उतरने की कई वजहें हैं, जिसमें मुख्य हैं मैकेनिकल फॉल्ट या रेलवे ट्रैक पर लगने वाले उपकरण का खराब होना. इसके लिए पटरियों का चटकना, ट्रेन के डिब्बे को बांधे रखने वाले उपकरण का ढीला होने से गेज में फैलाव आना भी ट्रेन के पलटने का कारण होता है. इसके अलावा, कई बार ट्रेन की बोगी को चलाने वाला एक्सेल टूटने से भी ट्रेन पटरी से उतर जाती है.
पटरियों पर लगातार ट्रेनों के चलने की वजह से लगने वाले घर्षण से भी ट्रैक बिगड़ जाता है और दुर्घटना हो जाती है. इसके अलावा, ट्रैफिक सिग्नल और अचानक से ब्रेक लगना भी ट्रेन का बैलेंस बिगाड़ देता है.
इतनी रफ्तार के बाद भी पटरी से क्यों नहीं उतरती ट्रेन?
ट्रेन के पटरी से उतरने के कारणों में से अगर ऊपर बताए गए कारण न हों तो ट्रेन पटरी से नहीं उतरती है. तेज रफ्तार के बाद भी ट्रेन के पटरी से न उतरने का कारण घर्षण बल का बैलेंस होता है. अगर नीचे वाला घर्षण बल ऊपर वाले बल से कम है या यूं कहें कि दोनों में सही बैलेंस नहीं होगा तो पहिया फिसलने लगेगा.
ट्रेन में ट्रैक्टिव एफर्ट को मेनटेन रखा जाता है, जिससे ट्रेन का पहिया फिसलता नहीं हैं. दरअसल, रेलवे का खास सिस्टम इंजन की ओर से पहिए पर लगाए जाने वाले बल को घर्षण बल की सीमा से हमेशा कम ही रखता है और इससे इंजन फिसलता नहीं है.
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