नौकरी में आपने लोगों को प्रमोशन पाते हुए सुना होगा. लेकिन आज हम आपको एक ऐसे चर्चित मामले के बारे में बताने वाले हैं, जहां पर एक आईपीएस अधिकारी का डिमोशन हुआ है. जी हां, राजस्थान के इतिहास में पहली बार किसी भारतीय सेवा के अफसर का प्रमोशन के बजाय डिमोशन किया गया है. अब सवाल ये है कि क्या डिमोशन के बाद सैलरी भी कम हो जाती है या उन्हें पहले के बराबर ही सैलरी मिलती है. 


क्या है मामला?


बता दें कि राजस्थान सरकार ने एक आईपीएस अधिकारी का डिमोशन किया है. जानकारी के मुताबिक  वर्ष 2009 बैच के आईपीएस पंकज कुमार चौधरी का डिमोशन किया गया है. इसको लेकर कार्मिक विभाग ने आदेश भी जारी किया है. आईपीएस पंकज चौधरी अपनी 12 साल की सर्विस के बाद लेवल 11 की वेतन श्रृंखला तक पहुंचे थे. लेकिन अब सरकार ने उनका डिमोशन किया है, जिसके बाद वो लेवल 10 की कनिष्ठ वेतन श्रृंखला में आ गए हैं. 


क्यों हुआ डिमोशन?


अब सवाल ये है कि एक आईपीएस अधिकारी का सरकार ने डिमोशन क्यों किया है. दरअसल कुछ साल पहले आईपीएस पंकज चौधरी का पारिवारिक विवाद न्यायालय तक पहुंच गया था. जिसके बाद उनके ऊपर आरोप लगा था वह पहली पत्नी से तलाक लिए बिना ही दूसरी शादी की है. हालांकि इस मामले में कुछ सालों तक कोर्ट में केस चला था, जिसमें पंकज चौधरी केस जीत गये थे. लेकिन उस मामले को लेकर विभागीय जांच राज्य सरकार की तरफ से की जा रही थी. इस जांच के बाद ही सरकार ने उनका डिमोशन किया है. बता दें कि उनका डिमोशन कनिष्ठ वेतन श्रृंखला पर किया गया है, जो एक फ्रेशर आईपीएस की वेतन श्रृंखला होती है. यानी अब पंकज चौधरी को एक फ्रेशर के बराबर सैलरी मिलेगी.


डिमोशन के बाद क्या कम होती है सैलरी ?


अब सवाल ये है कि क्या डिमोशन के बाद उस अधिकारी/कर्मचारी की सैलरी भी कम हो जाती है. इसका जवाब है हां. नियमों के मुताबिक अधिकारी या कर्मचारी का जब डिमोशन होता है, तो उसे जिस ग्रेड पेड पर डिमोशन किया जाता है, उसकी सैलरी फिर उतनी ही हो जाती है ना कि वर्तमान सैलरी के मुताबिक मिलती है. यही कारण है कि सरकारी कर्मचारी डिमोशन से हमेशा बचने के लिए बेहतरीन तरीके और साफ सुथरी छवि के साथ काम करते हैं. 


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