गौमूत्र पर अलग-अलग समय में नेता बयान देते रहते हैं. आयुर्वेद इसे पहले ही फायदेमंद बता चुका है. आज के दौर में जहां दुनिया का हर 6ठा मौत कैंसर की वजह से हो रहा है. वहां कई लोगों का दावा है कि गौमूत्र से इसका इलाज संभव है. अब यहां सबसे बड़ा सवाल यह है कि साइंस इस विषय पर क्या कहता है? नितिन गडकरी भी गौमूत्र के मुद्दे पर कई बार अपनी राय रख चुके हैं. आइए इसके बारे में थोड़ा डिटेल जानते हैं.
गौमूत्र से कैंसर का इलाज संभव नहीं?
मेडिकल और पीडियाट्रिक ऑन्कोलॉजी के एसोसिएट प्रोफेसर वेंकटरमन राधाकृष्णन इस मुद्दे पर अपना विचार रखते हुए गौमूत्र को फायदेमंद बताते हैं. अंग्रेजी वेबसाइट न्यूज 18 पर छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, गौमूत्र से कैंसर का इलाज संभव नहीं है. उन्होंने व्यक्तिगत अनुभव के आधार पर कहा कि उन्होंने ऐसा कोई मरीज़ नहीं देखा है जिसने सिर्फ गौमूत्र पिया हो और उसे कैंसर जैसी बीमारी से निदान मिला हो.
राधाकृष्णन ने लिखा है कि गोमूत्र में कोई ऐसा तत्व नहीं होता जो कैंसर को खत्म कर सके. उन्होंने बताया कि गोमूत्र मूत्र से ही मिलता है, और इसमें 95% पानी के अतिरिक्त पोटेशियम, सोडियम, फास्फोरस, और क्रेटिनिन जैसे खनिज होते हैं. इनमें से कोई भी कैंसर को रोकने वाला तत्व नहीं होता. गोमूत्र खेतों में उपयोग के लिए उपयोग होता है ताकि वे फसलों को उपजाऊ बनाएं, और इसे कैंसर की दवा के रूप में बेचा जाना चाहिए नहीं है.
क्या कहता है आयुर्वेद?
आयुर्वेद के मुताबिक, गाय के मूत्र से मोटापा कम किया जा सकता है. अंग्रेजी वेबसाइट हेल्थसाइट के मुताबिक, गौमूत्र में विटामिन पाया जाता है, जो वजन घटाने में सहायक होता है. इसके साथ ही गाय का मूत्र पाचन तंत्र को सुधारता है और वेट लॉस में मदद करता है. गौमूत्र का उपयोग त्वचा की देखभाल के लिए भी किया जा सकता है. आयुर्वेद के अनुसार, मुंहासे और अन्य त्वचा सम्बंधित समस्याओं में गाय के मूत्र का उपयोग किया जा सकता है. इसके साथ ही दाद-खाज जैसे त्वचा रोगों को दूर करने में भी गौ-मूत्र माना जाता है.