India National Anthem Rules: जब भी राष्ट्र की बात होती है तो जाहिर तौर पर राष्ट्रगान का सम्मान सर्वोपरि होता है. “राष्ट्रगान जन-गण-मन” हमारे देश की आजादी का अभिन्न हिस्सा है. इसे पूरा सम्मान देना और इसके सम्मान की रक्षा भी हर भारतीय का कर्तव्य है. कई मामलों में हम देखते हैं कि कुछ लोग किसी दूसरी जाति या धर्म के लोगों से राष्ट्र के प्रति प्रेम सिद्ध करवाने के लिए जबरन राष्ट्रगान गाने के लिए कहते हैं. ऐसे में सवाल ये उठता है कि क्या राष्ट्रगान गाने के लिए मजबूर करना अपराध है? चलिए जान लेते हैं.
राष्ट्रगान गाने के लिए मजबूर करना अपराध?
प्रिवेंशन ऑफ इंसल्ट्स टू नेशनल ऑनर एक्ट, 1971 की धारा-3 के अनुसार, यदि कोई राष्ट्रगान में विघ्न डालता है या किसी को राष्ट्रगान गाने से रोकने की कोशिश करता है तो उसे ज्यादा से ज्यादा तीन साल की कैद की सजा या जुर्माना या दोनों की सजा दी जा सकती है. हालांकि किसी को राष्ट्रगान गाने के लिए बाध्य करने का कोई कानून नहीं है. यानी कोई व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति को जबरदस्ती राष्ट्रगान गाने के लिए मजबूर नहीं कर सकता.
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
अगस्त 1986 में बिजोय एम्मानुएल वर्सेस केरल नाम के चर्चित केस में सुप्रीम कोर्ट के सामने ये सवाल उठा था कि क्या राष्ट्रगान गाने के लिए मजबूर किया जा सकता है? दरअसल इस केस में तीन स्टूडेंट्स को स्कूल से इसलिए निकाल दिया गया था क्योंकि उन्होंने जन-गण-मन गाने से मना कर दिया था. इन स्टूडेंट्स ने अपनी धार्मिक मान्यताओं का हवाला देते हुए राष्ट्रगान गाने से इंकार कर दिया था, हालांकि जब राष्ट्रगान गाया जाता था उस समय ये स्टूडेंट्स उसके सम्मान में खड़े जरुर होते थे.
इस केस में सुप्रीम कोर्ट ने ये कहा था कि ऐसा कुछ नहीं हुआ है जिससे किसी व्यक्ति की भावनाएं आहत होती हों. कोर्ट के मुताबिक अगर कोई राष्ट्रगान नहीं गाता है लेकिन उसका सम्मान करता है, तो अर्थ ये नहीं कि वो इसका अपमान करता है. इसलिए राष्ट्रगान गाने के लिए न ही उस इंसान को दंड दिया जा सकता है और न ही उसे प्रताड़ित करना सही है. इस केस में कोर्ट ने उन तीनों स्टूडेंट्स को स्कूल जाने की अनुमति दी थी.
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