गुरुत्वाकर्षण यानी ग्रेविटी के बारे में अधिकांश लोग जानते होंगे. गुरुत्वाकर्षण बल की जब भी बात होती है तो वैज्ञानिक न्‍यूटन के गुरुत्वाकर्षण बल के नियमों को याद किया जाता है. क्या आप जानते हैं कि पृथ्वी पर हर जगह एक जैसी ग्रेविटी नहीं है. आज हम आपको बताएंगे कि दुनिया में किन जगहों पर ग्रेविटी एक दम कम यानी शून्य के बराबर है. 


गुरुत्वाकर्षण बल


बता दें कि दुनियाभर में इंसान से लेकर हर चीज गुरुत्‍वाकर्षण बल यानी ग्रेविटी फोर्स की वजह से पृथ्वी की सतह से जुड़ी हुई है. इसी गुरुत्‍वाकर्षण बल के कारण हम धरती पर चल भी पाते हैं. इसके अलावा हम जो भी चीज आसमान में ऊपर की तरफ उछालते हैं, वो भी इसी बल के कारण नीचे की ओर आ जाती है. गुरुत्‍वाकर्षण इंसान को और हर चीज को धरती की सतह से जोड़कर रखता है. लेकिन आज हम आपको कुछ ऐसी जगहों के बारे में बताऊंगा, जहां पर गुरुत्वाकर्षण बल बहुत कम होता है. 


इन जगहों पर गुरुत्वाकर्षण बल कम


बता दें कि अमेरिका में कैलिफोर्निया के सैंटा क्रूज शहर में एक मिस्‍ट्री स्‍पॉट है. मिस्‍ट्री स्‍पॉट के नाम से फेमस यहां पर एक जगह है. इस मिस्‍ट्री स्‍पॉट पर गुरुत्‍वाकर्षण बल ज़ीरो हो जाता है. कुछ शोधकर्ताओं ने साल 1939 में इस जगह को ढूंढा था. इसके बाद साल 1940 में जॉर्ज प्रैथेर नाम के एक व्यक्ति ने इसे आम लोगों के लिए खोला था. शोधकर्ताओं ने द्वारा बताया गया था कि जब उन्होंने इस जगह की खोज की थी, तब उन्होंने अनुभव किया था की इस जगह पर एक अजीब सी ताकत है.


इसके अलावा दुनिया में बिना गुरुत्‍वाकर्षण बल वाली दो जगह ऐसी भी हैं, जहां गाड़ियां चलाने की जरूरत नहीं पड़ती है. यहां पर गाड़ियां अपने आप पहाड़ की तरफ खिंची चली जाती है. पहली जगह अमेरिका के फ्लोरिडा की 'स्‍पू‍क हिल' और दूसरा भारत में लद्दाख की 'मैग्‍नेटिक हिल' है. इन जगहों पर गुरुत्वाकर्षण बल काफी कम है. 


इसके अलावा महाबलीपुरम में स्थित विशालकाय ग्रेनाइड पत्थर है, जिसे ‘कृष्णा बटर बॉल'कहते हैं. कृष्‍णा बटर बॉल या वानिराई काल एक पहाड़ी के ऊपर स्थित है. इस 'कृष्‍णा बटर बॉल' की ऊंचाई 20 फीट है और यह 5 मीटर चौड़ी है. कृष्‍णा बॉल को देखकर ऐसा लगता है कि यह कभी भी गिर सकता है, लेकिन इस पत्‍थर को हटाने के लिए पिछले 1300 साल में कई प्रयास किए गए हैं. दरअसल इस पत्‍थर पर गुरुत्‍वाकर्षण का भी कोई असर नहीं है. इसके अलावा यूनाइटेड स्टेट्स कोलराडो नदी पर बने 'हूवर बांध' नाम के एक बांध पर ग्रेविटी बहुत कम है. दरअसल इस बांध पर चलने वाली तेज हवाएं हमेशा नीचे से ऊपर की तरफ आती है और यही एक कारण है कि अगर कोई बोतल से पानी नीचे की ओर डालेगा तो वह पानी तेज हवाओं के साथ हमेशा ऊपर की तरफ ही आएगा. 


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