आज के वक्त अधिकांश लोगों के पास स्मार्ट फोन और इंटरनेट की सुविधा मौजूद है. इतना ही नहीं हाथ में फोन होने के कारण हर कोई अब वीडियो क्रिएटर बनकर सोशल मीडिया पर धूम मचा रहा है. लेकिन आज हम आपको बताएंगे कि रेलवे पटरी पर वीडियो बनाने वाले सोशल मीडिया यूजर्स के खिलाफ कौन-कौन सी धारा में अपराध दर्ज किया जा सकता है. जी हां, रेलवे से जुड़े किसी भी क्षेत्र में फोटो वीडियो बनाना और रेलवे संपत्ति से छेड़छाड़ करना दंडनीय अपराध है.

  


वीडियो क्रिएटर


हर हाथ में फोन और इंटरनेट की सुविधा ने इस दुनिया को वीडियो क्रिएटर बना दिया है. सोशल मीडिया पर तो वीडियो क्रिएटर की बाढ़ आ चुकी है. लेकिन एक बात तो साफ है कि इन वीडियो क्रिएटर को सिर्फ वीडियो बनाने से मतलब है, इन क्रिएटर को किसी की प्राइवेसी, रेलवे, मंत्रालय या अन्य किसी नियमों से कोई लेना-देना नहीं है. जैसे अभी सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक लड़का रेलवे की पटरी पर पत्थर, गैस सिलेंडर, मुर्गी, साबून रखते हुए दिख रहा है. अब सवाल ये है कि क्या कोई भी शख्स रेलवे की संपत्ति का इस्तेमाल वीडियो बनाने के लिए कर सकता है? क्या कोई भी शख्स रेलवे की संपत्ति के साथ छेड़छाड़ कर सकता है?  आज हम आपको रेलवे से जुड़े नियम बताएंगे, जो अगली बार वीडियो बनाने से पहले आपके काम आएगा. 


देखिए वीडियो






 


सजा का प्रावधान


बता दें कि रेलवे पटरी के पास वीडियो बनाना या फोटो खींचना सख्त मना है. आपने कई बार देखा होगा कि लोग रेलवे पटरी के पास वीडियो शूट करते है, लेकिन अगर रेलवे इस पर संज्ञान लेती है, तो इन लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो सकती है. दरअसल रेलवे अधिनियम 1989 की धारा 145 और 147 के तहत रेल की पटरी या प्लेटफॉर्म के किनारे सेल्फी लेना दंडनीय अपराध है. ऐसा करने पर 1000 रुपये का जुर्माना या 6 महीने तक जेल की सजा भुगतना पड़ सकता है.


रेलवे संपत्ति से छेड़छाड़


क्या आप जानते हैं कि रेलवे संपत्ति में आने वाले किसी भी सामान के साथ छेड़छाड़ आपको जेल भेज सकता है. बता दें कि धारा 174 के तहत रेलवे ट्रैक पर बैठकर या अवरोधक लगाकर, रेल के हौजपाइप से छेड़छाड़ करके या सिग्नल को नुकसान पहुंचाकर ट्रेन परिचालन बाधित करने वालों को दो वर्ष की जेल की सजा या दो हजार रुपये जुर्माना या फिर दोनों का प्रविधान है. वहीं रेलवे कर्मचारियों के काम में बाधा डालने, रेल या उसके किसी भाग में अवैध रूप से प्रवेश करने पर धारा 146 व 147 छह माह की सजा या एक हजार रुपये का जुर्माना या फिर दोनों सजा हो सकती है. 


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