क्या इस्लाम में पार्टी करना भी है हराम? जानें क्या है सच
दुनियाभर में इस्लाम मानने वाले लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस्लाम धर्म में किन-किन चीजों को करने पर रोक है , जिसे धर्म के मुताबिक हराम माना जाता है.
दुनियाभर में सभी धर्मों के लोग रहते हैं और उनकी अलग-अलग मान्यताएं है. लेकिन आज हम आपको इस्लाम धर्म के बारे में बताने वाले हैं. कई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस्लाम धर्म दुनियाभर में तेजी से फैल रहा है. माना जा रहा है 2070 तक इस्लाम धर्म मानने वालों की संख्या पूरी दुनिया में सबसे अधिक होगी. आपने कई बार सुना होगा कि इस्लाम धर्म में पार्टी करना हराम माना जाता है. आज हम आपको बताएंगे कि क्या सच में इस्लाम धर्म में पार्टी करना हराम माना जात है.
इस्लाम धर्म
इस्लाम धर्म की आबादी दुनियाभर में तेजी से बढ़ रही है. लेकिन अक्सर आपने सुना होगा कि इस्लाम धर्म बहुत सारे काम करने पर रोक है, वहीं इस्लाम धर्म में पार्टी करना भी हराम माना जाता है. आज हम आपको बताएंगे कि आखिर इस्लाम धर्म में पार्टी करना क्यों हराम माना जाता है.
पार्टी करना
जानकारी के मुताबिक इस्लाम में पार्टी करना या डांस करना हराम नहीं माना जाता है. हालांकि कुरान में इस बार का जिक्र जरूर है कि अगर पार्टी या किसी अन्य आयोजनों में डांस करती महिलाओं को पुरुष देखते हैं, तो उसे हराम माना जाता है.
शराब पीना
शराब पीना तो वैसे किसी भी धर्म या इंसान के लिए अच्छा नहीं होता है. क्योंकि शराब इंसानी शरीर को नुकसान पहुंचाता है. लेकिन इस्लाम में किसी भी तरह के आयोजनों पर कोई रोक नहीं है, लेकिन किसी भी मौके पर शराब परोसना, पीना या उसका व्यापार करना इस्लाम में हराम माना जाता है. इस्लामिक विद्वानों के मुताबिक इस्लाम में शराब को हराम माना जाता है. कुरान में शराब को गलत बताया गया है. इस्लाम को मानने वाला कोई व्यक्ति अगर शराब का व्यापार करता है, तो उसे कुरान सबसे गलत मानता है और धर्म के मुताबिक इसकी मनाही है.
कपड़ा
इस्लाम में महिलाओं के कपड़ों के लेकर भी कहा जाता है. लेकिन जानकारों के मुताबिक कुरान में लिखा है कि महिलाएं अपनी इच्छा के मुताबिक कपड़े पहन सकती है. लेकिन उन्हें भी आयोजन और मौकों को ध्यान में रखना जरूरी होता है.
जुआ
इसके अलावा इस्लाम में जुआ जैसे किसी भी तरह के खेल को खेलना हराम माना जाता है. कुरान के मुताबिक शराब, जुआ इन सभी चीजों को खेलना हराम और गलत है. वहीं इस्लाम में बिना शादी के शारीरिक संबंध बनाना भी हराम माना जाता है. हालांकि अन्य धर्मों समाज के मुताबिक भी बिना शादी के शारीरिक संबंध बनाना गलत होता है.
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