About Sea Water: पृथ्वी के लगभग 71% भाग पर सिर्फ पानी है. इतनी मात्रा में पानी होने के कारण ही धरती का रंग नीला दिखाई देता है. धरती का एक बड़ा हिस्सा समुद्र से घिरा हुआ है, लेकिन तब भी पीने लायक मीठा पानी बहुत सीमित मात्रा में है. मीठा पानी या ताजा पानी सबसे अधिक ग्लेशियर, नदियों, झीलों आदि में पाया जाता है. भूमिगत जल भी मीठे पानी या पीने लायक पानी का ही स्त्रोत है. समुद्र के पानी का स्वाद खारा है, क्योंकि इसमें कई तरह के तत्व घुले रहते हैं. ऐसे में सवाल ये उठता है कि क्या दुनिया में मौजूद सारे समंदर का पानी खारा ही है या इसमें कहीं मीठा और पीने योग्य पानी भी पाया जाता है? 


महासागरों का पानी खारा क्यों
समुद्र के पानी के एक हजार ग्राम में जितनी ग्राम लवणता होती है, उसे ही समुद्री लवणता या उसका खारापन कहते हैं. महासागरों की औसत लवणता प्रति हजार ग्राम में 36 ग्राम मानी जाती है. लेकिन यह अलग-अलग महासागरों में अलग-अलग होती है. इनके पानी के खारेपन का कारण उसमें घुले पदार्थों होते हैं. सोडियम क्लोराइड, मैग्नीशियम क्लोराइड, मैग्नीशियम सल्फेट, कैल्शियम सल्फेट, कैल्शियम कार्बोनेट, पोटैशियम सल्फेट, मैग्नीशियम ब्रोमाइड वगैरह जैसे पदार्थ इस पानी के खारेपन लिए जिम्मेदार हैं. इन्हें नदियां चट्टान को काटकर समुद्र में बहा ले आती हैं. इस तरह से इनका लगातार जमाव होता रहता है, जिससे महासागरों के खारेपन में वृद्धि होती है.


हवा के साथ रेगिस्तानों से उड़कर आने वाली बालू भी महासागरों में जमा हो जाती है. इससे भी समुद्र के पानी का खारापन बढ़ता है. इन सबके अलावा महासागर खुद भी अपनी लहरों से किनारों को काटकर पानी का खारापन बढ़ाते हैं.  समुद्र के अंदर ज्वालामुखी उद्गार, धरती की आंतरिक हलचल से भी समंदर का खारापन बढ़ता है. इसके अलावा समुद्री पानी का वाष्पीकरण जितना अधिक होता है खारेपन में उतनी वृद्धि होती जाती है. अगर तापमान बढ़ता है तो यह वृद्धि और अधिक हो जाती है.


क्या किसी समंदर का पानी मीठा है
वैसे तो किसी समंदर का पानी मीठा या पीने योग्य नहीं होता है, लेकिन अटलांटिक महासागर के तल के नीचे वैज्ञानिकों को कुछ मीठे पानी का स्त्रोत मिला है. भूमध्य रेखीय प्रदेशों में थोड़ा कम खारा पानी पाया जाता है. समुद्री पानी के खारेपन की मात्रा जगह और समुद्र के अनुसार अलग-अलग है. हालांकि, उसमें घुले खनिज पदार्थो की मात्रा का अनुपात सभी जगह समान ही होता है. यहां साल भर तापमान अधिक होता है, इसलिए आर्द्रता अधिक होने की वजह से आसमान में घने बादल छाये रहते हैं और अधिक बारिश होती है. इसलिए यहां खारेपन में थोड़ी कमी होती है.


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