आपने अपने बड़े-बुजुर्गों से खून और पसीने से जुड़ी कई कहावतें सुनी होंगी. जैसे खून पसीना एक करना या फिर खून पसीने की कमाई. इन कहावतों का प्रयोग हम रोजमर्रा की जिंदगी में खूब करते हैं, जैसे कोई व्यक्ति अगर कड़ी मेहनत करता है तो हम करते हैं खून पसीना एक करना. इसी तरह कड़ी मेहनत के बाद जो मेहनताना मिलता है, उसे खून पसीने की कमाई कहा जात है. 


इन मुहावरों का प्रयोग तो कई लोग करते हैं, लेकिन क्या आपने सोचा है कि खून-पसीने से जुड़ा यह मुहावरा क्यों बना? क्या खून और पसीने के बीच कुछ संबंध है? क्या यह हमारे शरीर के अंदर होने वाली ऐसी कोई कोई प्रक्रिया है? चलिए जानते हैं इसके बारे में. 


कैसे बनता है खून?


हमारे शरीर में खून का बनना बेहद जरूरी होता है. दरअसल, खून ही शरीर के सभी अंगों तक ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की सप्लाई करता है. अगर, खून बनना बंद हो जाए तो शरीर के अंगों तक ऑक्सीजन की सप्लाई प्रभावित होगी, जिससे अंगों के फेल होने का खतरा बढ़ जाता है. खून की कोशिकाएं बोन मैरो में बनती हैं. इस बोन मैरो में स्टेम सेल्स मौजूद होते हैं, जब ये मैच्योर्ड हो जाते हैं तो इसमें लाल रक्त कोशिकाएं (RCB), श्वेत रक्त कोशिकाएं (WBC) और प्लेटलेट्स भी होते हैं. यही तीनों चीजें मिलकर हमारे शरीर में खून का निर्माण करते हैं. 


कैसे बनता है पसीना?


पसीना निकलना हमारे शरीर की जरूरी प्रक्रिया होती है. अगर किसी व्यक्ति के पसीना नहीं निकलता तो उसे कई सारी बीमारियां हो सकती हैं. दरअसल, पसीना न केवल हमारे शरीर के तापमान को नियंत्रित करता है, बल्कि शरीर में मौजूद अपशिष्ट पदार्थों को भी बाहर निकालता है. शरीर में त्वचा के नीचे पसीने की ग्रंथियां होती हैं, ये हमारे पूरे शरीर में पाई जाती हैं. यही ग्रंथियां सक्रिय होकर पानी और नमक से निर्मित तरल पदार्थ को स्रावित करती हैं, जिसे हम पसीना कहते हैं. 


क्या खून और पसीने में संबंध है?


मोटे तौर पर कहें तो खून और पसीने के बीच दूर-दूर तक कोई संबंध नहीं है. हालांकि, कुछ स्टडी में सामने आया है कि कुछ लोगों में एक दुर्लभ बीमारी होती है, जिसे हेमेटोहाइड्रोसिस कहते हैं. इस स्थिति में खून हमारी पसीने की ग्रंथियों में मिल जाता है और कुछ लोगों में पसीने के साथ त्वचा पर खून की बूंदे भी दिखाई देती हैं. हालांकि, यह बहुत ही दुर्लभ मामला है. 


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