क्या पत्नी को मायके से बुलाने के लिए भी है कोई कानून? जान लीजिए जवाब
कई बार पति और पत्नी के बीच में लड़ाई हो जाती है. इस स्थिति में पत्नी नाराज होकर अपने मायके चली जाती है. ऐसे में चलिए जानते हैं कि पत्नी को मायके से बुलाने के लिए क्या कानून है.
शादी के पवित्र बंधन होता है, हालांकि कई बार पति-पत्नी के बीच झगड़ा हो जाता है जिससे नाराज होकर कई बार पत्नी अपने मायके चली जाती है. ऐसे में यह एक आम सवाल है कि क्या कोई पति अपनी पत्नी को मायके से वापस बुलाने के लिए कानूनी कार्रवाई कर सकता है? भारतीय कानून में विवाह को एक अनुबंध माना जाता है, जिसमें दोनों पक्षों के अधिकार और जिम्मेदारी होती हैं. ऐसे में चलिए जानते हैं कि यदि कोई पति अपनी पत्नी को वापस लाना चाहे तो उसके लिए क्या कानून है.
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पत्नी को वापस बुलाने के लिए कानूनी प्रावधान
अगर पत्नी बिना वजह घर छोड़कर चली जाती है, तो पति हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 9 के तहत ज़िला कोर्ट में याचिका दे सकता है. ऐसी स्थिति में न्यायालय, पत्नी को वापस घर लौटने का आदेश दे सकता है. अगर पत्नी को उसके जीजा ने जबरदस्ती घर पर रखा हुआ है और वह आना चाहती है, तो पति हाई कोर्ट में रिट याचिका डाल सकता है. इसके अलावा अगर पत्नी और पति के बीच कोई छोटा-मोटा झगड़ा हुआ हो, तो पति अपनी पत्नी को वापस लाने के लिए कुटुंब न्यायालय या ज़िला न्यायालय में याचिका दायर कर सकता है. ऐसी स्थिति में न्यायालय पत्नी को बुलाकर कारण जान सकता है.
अगर कुटुंब न्यायालय को लगता है कि पत्नी के पास पति से अलग रहने के लिए कोई ठोस वजह नहीं है, तो वह धारा 9 के तहत महिला को आदेश दे सकता है कि वह अपने पति के साथ रहे.
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भारतीय विवाह व्यवस्था और कानूनी अधिकार
भारत में विवाह एक संविधानिक और सामाजिक व्यवस्था है, जिसमें पति और पत्नी दोनों को कुछ अधिकार और कर्तव्य प्राप्त होते हैं. भारतीय हिंदू विवाह अधिनियम, विशेष विवाह अधिनियम, और पारिवारिक न्यायालय इस व्यवस्था के तहत आते हैं.
इन कानूनों में पति-पत्नी के रिश्ते की गरिमा बनाए रखने और दोनों को उनके समान अधिकार देने की कोशिश की जाती है. एक पति और पत्नी के बीच समान सम्मान का अधिकार और पारिवारिक जीवन को लेकर दोनों के कर्तव्य भी तय होते हैं.
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